कोचिंग सेंटरों के लिए नियामक बनाने की याचिका खारिज
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए विशिष्ट कानून बनाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.
कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए विशिष्ट कानून बनाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने मामले को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ताओं को राज्य सरकार के समक्ष अपील करने की सलाह दी. अदालत ने कहा कि यदि राज्य सरकार को केंद्रीय कानून को राज्य में लागू करने के मामले में वादियों की याचिका प्राप्त होती है तो उसे तीन महीने के भीतर उसका निपटारा करना होगा. खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता राज्य के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं. उनके संगठन ने यह मामला इसलिए दायर किया, क्योंकि वे ऐसे निजी कोचिंग सेंटरों को लेकर चिंतित थे.
जिन पर राज्य का नियंत्रण न होने के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है. लेकिन अदालत का मानना था कि आवेदन से पहले यह मामला राज्य और संबंधित विभाग के समक्ष उठाया जाना चाहिए था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है