‘स्वास्थ्य साथी’ के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज
कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने स्वास्थ्य साथी योजना के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी.
हाइकोर्ट के जज बोले : सरकारी योजनाओं के संचालन में हस्तक्षेप नहीं कर सकती अदालत
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने स्वास्थ्य साथी योजना के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी. पीठ ने कहा कि राज्य सरकार जनहित में परियोजनाएं शुरू कर सकती है. स्वास्थ्य साथी योजना पूर्णतः सरकारी निर्णय है. यह योजना सरकार की विशिष्ट नीतियों के अनुरूप शुरू की गयी है. अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी. यदि आपको किसी प्रकार की समस्या है. तो आप विधायक या सांसद से बात करें. गौरतलब रहे कि डॉ कुणाल साहा ने स्वास्थ्य साथी योजना का विरोध करते हुए मामला दायर किया था. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए यह योजना शुरू की है. इस योजना का कोई व्यावहारिक औचित्य नहीं है. उनका दावा है कि यद्यपि प्रति परिवार मेडिक्लेम पांच लाख रुपये बताया गया है, लेकिन सभी नागरिकों को यह नहीं मिल रहा है. समस्या तब उत्पन्न होती है, जब परिवार के सदस्यों की संख्या अधिक होती है. स्वास्थ्य साथी कार्ड सही सेवाएं प्रदान नहीं कर रहा है. इस योजना को रद्द करने की मांग को लेकर उन्होंने एक जनहित याचिका दायर की, जिसे हाइकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है