ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हजारों तीर्थयात्री

इसी तरह से मध्यप्रदेश के इंदौर से आये सूरज पासवान ने बताया कि अपने पूरे परिवार व रिश्तेदारों के साथ गंगासागर आये हैं, लेकिन परेशानी हो रही है कि ठंड ज्यादा है और किसी कैंप में जगह नहीं मिला.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 1:35 AM

संवाददाता, सागरद्वीप

पूस माह सबसे अधिक ठंड के लिए जाना जाता है. ऐसे में ठंड की रात अगर किसी को खुले आसमान के नीचे बिताना पड़े, तो उसकी क्या स्थिति होगी, ये तो भुग्तभोगी ही बता सकते हैं. ठीक ऐसे ही हाल गंगासागर मेले में आये हजारों तीर्थयात्रियों काे देखा गया, जो गंगासागर मेले में शिविरों में जगह नहीं मिलने के कारण ठंड में ठिठुरते दिखे. कोई सागर किनारे किसी अस्थायी दुकान के पास, तो कोई दो नंबर गेट में सड़क किनारे नीचे जमीन पर ही प्लास्टिक रखकर उसी पर सोने को मजबूर है. ऐसे तो गंगासागर मेले में तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए सैकड़ों समाजसेवी गैर सरकारी संगठन कैंप लगाते हैं, फिर भी सैकड़ों श्रद्धालुओं को ठंड में रात को खुले आसमान के नीचे ही बिताना पड़ता है.

यूपी के गाजीपुर से आये अशोक साव ने बताया कि गंगासागर मेले में हम 30 लोगों का ग्रुप आये, लेकिन संयोग वश किसी कैंप में जगह नहीं मिल रही है, मजबूरन रात खुले आसमान के नीचे ही बिताने को मजबूर हैं. यही नहीं, इसी तरह से उत्तर प्रदेश के हरदोई से आये नारायण पांडे ने कहा कि वे लोग कई शिविरों में शरण लेने के लिये गये, लेकिन जगह नहीं मिली. अंत में उन्हें दो नंबर रोड के किनारे खुले आसमान के नीचे रात गुजरा पड़ा.

इसी तरह से मध्यप्रदेश के इंदौर से आये सूरज पासवान ने बताया कि अपने पूरे परिवार व रिश्तेदारों के साथ गंगासागर आये हैं, लेकिन परेशानी हो रही है कि ठंड ज्यादा है और किसी कैंप में जगह नहीं मिला. अब हमलोग यहीं सड़क किनारे जमीन पर ही बिस्तर लगाकर सो रहे हैं.

पंजाब से आये माधव लाल यादव ने बताया कि हमलोग 20 तीर्थयात्रियों का जत्था आये है, लेकिन कहीं कोई शिविर में जगह नहीं मिला है. रात में कई शिविरों में जाकर देखे, लेकिन जगह नहीं मिलीं, तो अंत में सड़क किनारे ही रात काट रहे हैं.

गंगासागर मेले परिसर के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों तीर्थयात्रियों को इस परेशानी को झेलते देखा गया, जो खुले आसमान के नीचे रात बिताने के लिए मजबूर हुए.

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