आरजी कर. डॉक्टरों की मांग पर झुकी सरकार, मानीं तीन मांगें, पर सुनवाई तक जारी रहेगी हड़ताल
डीएमई, डीएचएस और डीसी नॉर्थ को भी हटाने का फैसला, आज शाम चार बजे पता चलेगा कौन होगा नया सीपी संवाददाता, कोलकाता. मृत जूनियर डॉक्टर को श्रद्धांजलि देने के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर जूनियर डॉक्टरों के साथ चली करीब पौने छह घंटे की हाई लेवल बैठक के बाद सीएम ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख पांच मांगों में शामिल तीन को मान लिया गया है. इनमें सबसे अहम मांग थी कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हटाने की. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की मांग पर ही डीएमई (निदेशक, चिकित्सा शिक्षा), डीएचएस (निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं) और पुलिस उपायुक्त (नॉर्थ कोलकाता) को भी हटाने का निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त सीबीआइ जांच की मांग पहले ही पूरी हो चुकी है और मामला सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में चल रहा है. इसमें राज्य सरकार के लिए कुछ करने जैसा नहीं है. उल्लेखनीय है कि सोमवार की शाम करीब छह बजे शुरू हुई बैठक रात के पौने 12 बजे तक चलती रही. उधर, मुख्यमंत्री आवास पर बैठक से निकल कर धरनास्थल पर पहुंच जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त, डीएमइई व डीएचएस को उनके पदों से हटाये जाने को जूिनयर डॉक्टरों ने अपने आंदोलन की बड़ी सफलता बतायी है. हालांकि, इनका कहना है कि कई मुद्दों पर बातचीत अर्थपूर्ण नहीं है और मंगलवार को अदालत में मामले की सुनवाई होते तक हड़ताल जारी रहेगी. बैठक से जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल के निकल कर धरनास्थल की तरफ रवाना होने के बाद रात करीब सवा 12 बजे मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि वे (जूनियर डॉक्टर) स्वास्थ्य सचिव को भी हटाने की मांग कर रहे थे, पर उन्हें समझाया गया कि अगर सभी को एक साथ हटा दिया जाये, तो प्रशासनिक कठिनाइयां बढ़ जायेंगी. ऐसे में उन्हें हटाने की मांग नहीं मानी गयी है. मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके आवास पर हुई बैठक में जूनियर डॉक्टरों के 42 प्रतिनिधियों के अतिरिक्त स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, मुख्य सचिव मनोज पंत, गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती तथा पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार भी मौजूद थे.सीएम सुश्री बनर्जी ने कहा कि बैठक में जो भी बातचीत हुई, उसका दस्तावेजीकरण किया गया और इस मसौदे पर राज्य सरकार की तरफ से मुख्य सचिव श्री पंत ने हस्ताक्षर किया. दूसरी तरफ से जूनियर डॉक्टरों के समूह में शामिल 42 लोगों ने हस्ताक्षर किये.सुरक्षा मामलों पर बनी कमेटी
मुख्यमंत्री ने मीडिया को जानकारी दी कि स्वास्थ्य संस्थाओं की सुरक्षा का मसला भी अहम है. सरकार इसे गंभीरता से लेती है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए तय हुआ कि मुख्य सचिव व गृह सचिव को साथ रख कर एक कमेटी गठित की गयी है, जो सुरक्षा संबंधी मामलों की समीक्षा कर आगे क्या कुछ करना होगा, इस पर अपनी राय रखेगा. यह भी बताया गया िक इस मामले में जूनियर डॉक्टर भी अगर चाहें, बात कर सकेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है