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बड़े भाई की हत्या का बदला लेने के लिए ही तृणमूल नेता की ली जान!

नैहाटी विधानसभा उपचुनाव के बीच ही बुधवार को जगदल थाने से कुछ दूर पालघाट रोड इलाके में चाय की एक दुकान में घुसकर तृणमूल कांग्रेस के नेता अशोक कुमार साव (40) की गोली मार कर हत्या की घटना से इलाके में हड़कंप है. प्राथमिक जांच में पुलिस ने पुरानी रंजिश को लेकर हत्या होने की आशंका जतायी है.

भाटपाड़ा.

नैहाटी विधानसभा उपचुनाव के बीच ही बुधवार को जगदल थाने से कुछ दूर पालघाट रोड इलाके में चाय की एक दुकान में घुसकर तृणमूल कांग्रेस के नेता अशोक कुमार साव (40) की गोली मार कर हत्या की घटना से इलाके में हड़कंप है. प्राथमिक जांच में पुलिस ने पुरानी रंजिश को लेकर हत्या होने की आशंका जतायी है.

संदेह जताया जा रहा है कि सुजल नामक एक बदमाश ने अपने बड़े भाई आकाश की हत्या का बदला लेने के लिए ही कुछ लोगों के साथ मिलकर अशोक साव की गोली मार कर जान ले ली. जानकारी के मुताबिक, चार साल पहले, 19 नवंबर 2020 को भाटपाड़ा के अपराधी आकाश की सामूहिक पिटाई में हत्या कर दी गयी थी. आकाश मादक पदार्थों का कारोबार करने के साथ ही सुपारी किलर था. उस समय अशोक साव भाटपाड़ा नगरपालिका के 12 नंबर वार्ड के तृणमूल अध्यक्ष थे. सामूहिक पिटाई की घटना में अशोक साव पर भी आरोप लगे थे.

स्थानीय लोगों का दावा है कि आकाश का भाई सुजल साव और उसके लोग ही अशोक कुमार साव की हत्या के मुख्य आरोपी हैं. अपने बड़े भाई की हत्या का बदला लेने के लिए ही सुजल ने इस घटना को अंजाम दिया है.

बताया जाता है कि फरवरी 2023 में भी बदले की भावना से अशोक कुमार साव की हत्या की कोशिश की गयी थी. उसी चाय की दुकान के पास ही उन पर फायरिंग व बमबाजी की गयी थी. लेकिन वह बाल बाल बच गये थे. 2019 में अशोक तृणमूल के वार्ड अध्यक्ष थे. बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया था. फिलहाल वह सक्रिय तृणमूल नेता थे. इधर, इस बार घटना को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है. भाजपा हमले के पीछे तृणमूल की आपसी गुटबाजी बता रही है. हालांकि तृणमूल ने इसे खारिज किया है.

कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि सुजल और उसके लोग तृणमूल नेता के करीबी हैं. जिस कारण यह घटना तृणमूल की आपसी गुटबाजी का भी नतीजा हो सकती है. वहीं, तृणमूल के नेताओं का कहना है कि इस घटना के पीछे असामाजिक तत्वों का हाथ है.

क्या कहते हैं तृणमूल के नेता

तृणमूल नेताओं का कहना है कि इस घटना के पीछे असामाजिक तत्वों का हाथ है. जगदल के विधायक सोमनाथ श्याम ने तृणमूल में गुटबाजी के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा : किसने हमला किया, यह कहना मुश्किल है. जांच में सब सामने आ जायेगा. इस घटना के पीछे अर्जुन सिंह का हाथ है. वहीं, बैरकपुर से तृणमूल सांसद पार्थ भौमिक ने कहा : यह दुखद घटना है. हमारी पार्टी के एक नेता की हत्या हुई, वह भी चुनाव के दिन. दरअसल, अर्जुन सिंह बैरकपुर इलाके में इतने लंबे समय से जो किये, यह उसी का नतीजा है. अर्जुन सिंह जान लें कि यहां असामाजिक तत्वों का तांडव जरूर खत्म होगा. उस समय उन्हें (अर्जुन सिंह) भी भाटपाड़ा छोड़ना पड़ेगा. पार्थ भौमिक ने दावा किया है कि जेल में बैठे-बैठे ही पंकज साव नामक बदमाश ने अशोक साव की हत्या की प्लानिंग कर अपना मकसद पूरा कर लिया. उनका दावा है कि यह पंकज, अर्जुन सिंह का करीबी है. वह तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या के मामले में फिलहाल जेल में है.

सीआइडी बम स्क्वॉड ने भी ली तलाशी

घटना के बाद उक्त चाय की दुकान व आसपास इलाके में सीआइडी बम स्क्वायड की टीम ने तलाशी ली. दुकान के अंदर भी तलाशी ली गयी. एक बम बरामद किया गया, जिसे निष्क्रिय करने के लिए पुलिस ले गयी.

घटना तृणमूल के ही गुटों में लड़ाई का नतीजा : अर्जुन सिंह

बैरकपुर से भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने कहा है कि जगदल थाने से 25 मीटर की दूरी पर ही यह घटना हुई है. उक्त इलाके में जुआ और शराब के ठेक चलते हैं. हेरोइन की बिक्री होती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सब कुछ तृणमूल नेता सोमनाथ श्याम और पार्थ भौमिक के लोग ही करते है. उनके लोगों ने ही इस घटना को अंजाम दिया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भाजपा नेता प्रियांगु पांडेय पर हमला किया था, वे लोग ही इस घटना में शामिल हैं. इस घटना के पीछे तृणमूल की आपसी गुटबाजी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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