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पीड़िता के माता-पिता बोले : पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की

आरजी कर कांड. पुलिस पर घटना के बाद रुपये की पेशकश करने का आरोप

आरजी कर कांड. पुलिस पर घटना के बाद रुपये की पेशकश करने का आरोप

कोलकाता. शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़िता के माता-पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कोलकाता पुलिस पर शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कराकर मामला दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना सामने आने के बाद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें पैसे देने की कोशिश की थी. पीड़िता के पिता ने कहा : पुलिस शुरू से ही मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. हमें शव को देखने की इजाजत नहीं दी गयी और जब शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया तब तक हमें थाने में इंतजार करना पड़ा. बाद में जब शव को हमें सौंपा गया, तब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें धन की पेशकश की, लेकिन हमने इसे लेने से तुरंत इनकार कर दिया. पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि वे उनकी बेटी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे चिकित्सकों के समर्थन में बुधवार रात को प्रदर्शन में शामिल हुए.

सुप्रीम कोर्ट में आरजी कर मामले की अब नौ को होगी सुनवाई

कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म एवं हत्या की घटना के मामले में सुनवाई की तारीख तय कर दी है. सुप्रीम कोर्ट में नौ सितंबर को मामले की सुनवाई होगी. गौरतलब है कि गुरुवार को सर्वोच्च अदालत में मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन मुख्य न्यायाधीश की पीठ नहीं बैठने के कारण यह सुनवाई नहीं हो सकी. अब सुप्रीम कोर्ट ने नौ सितंबर को मामले की सुनवाई करने का फैसला किया है. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में आरजी कर मामले की सुनवाई पर पूरे देश की नजर है. वहीं, आरजी कर अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले की जांच सीबीआइ से कराने के हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उनकी याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. गौरतलब है कि सीबीआइ संदीप घोष को वित्तीय अनियमितता के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है. घोष अभी सीबीआइ की हिरासत में हैं.

पुलिस ने पीड़ित परिवार को रुपये देने की पेशकश को बेबुनियाद बताया

इधर, गुरुवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार में वरिष्ठ अधिकारियों ने पीड़ित परिवार द्वारा पुलिस पर लगाये गये आरोप को बेबुनियाद बताया. एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी ने कहा कि पुलिस पर पीड़ित परिवार को रुपये देने का जो आरोप लगाया जा रहा है, वह सरासर बेबुनियाद है. घटना के बाद एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी पीड़ित परिवार के घर जाकर उनसे मिले थे. दिल्ली में निर्भया कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार की तरफ से एक नियम बनाया गया था. इसमें दुष्कर्म की घटना में पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से मुआवजा देने का प्रावधान है. इसी के तहत, मुआवजा दिलाने के लिए इससे जुड़े कागजात लेकर पीड़ित परिवार के घर पुलिस गयी थी. किसी पुलिसकर्मी ने नकद रुपये देने की पेशकश पीड़ित परिवार से नहीं की है. एक वीडियो में भी पीड़ित परिवार खुद कह रहा है कि पुलिस ने उन्हें नकद राशि देने के लिए संपर्क नहीं किया था.

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