बढ़ने लगा बंगाल का राजनीतिक पारा, बोले विजयवर्गीय – ममता नहीं हटीं तो बंगाल की अस्मिता को खतरा
कोलकाला : कोरोना महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन में छूट की घोषणा के साथ ही पश्चिम बंगाल का राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है. एक ओर, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हुगली में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक झड़प की घटनाएं सामने आयी है. दूसरी ओर, भाजपा ने भी तृणमूल कांग्रेस की सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है.
कोलकाला : कोरोना महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन में छूट की घोषणा के साथ ही पश्चिम बंगाल का राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है. एक ओर, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हुगली में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक झड़प की घटनाएं सामने आयी है. दूसरी ओर, भाजपा ने भी तृणमूल कांग्रेस की सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है.
Also Read: पश्चिम बंगाल ने लॉकडाउन 15 जून तक बढ़ाया, एक जून से शर्तों के साथ कई छूट
कोरोना व चक्रवाती तूफान संभालने में असफलता का आरोप लगाकर भाजपा पहले से ही राज्य सरकार पर निशाना साधते रही है, लेकिन अब सड़क पर उतरने की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस भी लगातार भाजपा पर हमला कर रही है और भाजपा पर दवाब बनाने की कोशिश कर रही है.
भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा : ममता जी की सरकार पूरी तरह हर मामले में फेल रही है. चक्रवाती तूफान और कोरोना मामले में सरकार पूरी तरह से असफल रही है. बंगाल में तेजी से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है और राज्य सरकार का रवैया उदासीन है. लोगों की जान की खतरा है. लोग अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. डॉक्टर, नर्स से लेकर पुलिस के जवानों में सरकार के खिलाफ असंतोष हैं और वे प्रदर्शन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा : जैसे ही लॉकडाउन खुलेगा. भाजपा ममता सरकार को कटघरे में खड़ा करेगी और लोगों को जाकर बतायेगी कि यह भ्रष्ट सरकार है. भाई-भतीजे वाली सरकार है. उन्होंने कहा कि इस सरकार को जनता की कोई चिंता नहीं है. अब यह समय आ गया है कि ममता की तानाशाही से बंगाल को बचाएं. तुष्टीकरण की नीति से बंगाल को बचाएं. बंगाल के संस्कार और संस्कृति की रक्षा के लिए बंगाल को बचाना बहुत जरूरी है, यदि बंगाल को ममता से नहीं बचाया गया, तो बंगाल अपनी अस्मिता खो देगा.
श्री विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल का विकास केवल नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही हो सकता है. औद्योगिकीकरण भी मोदी जी के नेतृत्व में हो सकता है. राज्य का औद्योगिकीकरण होगा, तभी राज्य के बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. नैनो जैसी कंपनी के बंगाल से चले जान के कारण ही बंगाल के मजदूरों को बाहर मजदूरी करनी पड़ रही है और प्रवासी श्रमिकों के प्रति भी राज्य सरकार का रवैया पूरी तरह से उदासीन है.
उन्होंने कहा कि यह सरकार हिंदू विरोधी है और तुष्टिकरण की नीति का पालन कर रही है. जिस तरह से अपने राजनीतिक वोट बैंक के कारण घुसपैठियों का समर्थन करती है. उससे देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है. बंगाल के लोगों के लिए खतरा है. मोदी सरकार ने शरणार्थियों को अधिकार देने के लिए सीएए लाया, लेकिन ममता ने उसका विरोध कर साबित कर दिया है कि उन्हें शरणार्थियों व कबीलाइयों की कोई चिंता नहीं है.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha