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प्रेसिडेंसी जेल में हुआ आरोपी संजय राय का पॉलीग्राफ टेस्ट

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी संजय राय का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ रविवार को प्रेसिडेंसी जेल के अस्पताल में हुआ.

आरजी कर कांड

संवाददाता, कोलकाता

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी संजय राय का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ रविवार को प्रेसिडेंसी जेल के अस्पताल में हुआ. सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) व केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से ‘पॉलीग्राफ’ विशेषज्ञों का एक दल जेल के अस्पताल पहुंचा. ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ होने पर करीब चार घंटे के बाद अधिकारी जेल से वापस लौट गये. इस मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष, चार जूनियर डॉक्टरों व आरोपी राय के करीबी माने जाने वाले एक सिविक वॉलंटियर का पॉलीग्राफ टेस्ट पहले ही हो चुका है.

अदालत की अनुमति के बाद गत शनिवार को सातों के पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. आरोपी राय का सीबीआइ साइकोलॉजिकल टेस्ट भी करा चुकी है. अब, उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया. गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग के चौथे तल पर स्थित सेमिनार हॉल से गत नौ अगस्त की सुबह एक जूनियर महिला चिकित्सक का शव मिला था. घटना का देशभर में विरोध जताया जा रहा है. कोलकाता पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने इस घटना के सिलसिले में अगले दिन ही यानी 10 अगस्त को पुलिस के ही एक सिविक वॉलंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया. कलकत्ता हाइकोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी और इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली.

बार-बार बयान बदलता रहा है संजय राय

पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिये जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ. सीबीआइ हिरासत में रहने के दौरान पूछताछ के समय राय पर बार-बार बयान बदलने के आरोप लगे थे. उसके बयान में काफी विसंगतियां मिली हैं. इससे पहले, कोलकाता पुलिस की हिरासत में रहते हुए आरोपी के अपराध कबूलने की बात सामने आयी थी. हालांकि, जांच जैसे ही सीबीआइ के हाथ में गयी आरोपी बयान बदलने लगा. सूत्रों के मुताबिक, उसने केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा की गयी पूछताछ के दौरान बार-बार बयान बदला. पूछताछ के दौरान वह भ्रामक जानकारी देने की कोशिश कर रहा था. बताया जा रहा है कि जांच अधिकारियों के पास मामले को लेकर अहम तथ्य और सीसीटीवी फुटेज हैं.

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