आज संदीप घोष समेत पांच के खिलाफ चार्ज फ्रेम शुरू होने की संभावना
न्यायाधीश का स्पष्ट तर्क यह है कि उच्च न्यायालय किसी भी तरह से न्यायिक आदेश को नहीं बदल सकता.
अदालत ने संदीप घोष की याचिका को किया खारिज कोलकाता. आरजी कर मेडिकल काॅलेज अस्पताल में हुए वित्तीय अनियमितता के मामले में अस्पताल के पूर्व अधीक्षक संदीप घोष की याचिकाएं और अर्जियां भी काम नहीं आयीं. अब आरजी कर में वित्तीय भ्रष्टाचार मामले में संदीप समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप तय करने में कोई बाधा नहीं रही. एकल पीठ ने संदीप की समीक्षा याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश का स्पष्ट तर्क यह है कि उच्च न्यायालय किसी भी तरह से न्यायिक आदेश को नहीं बदल सकता. इसके साथ गुरुवार को इस मामले में संदीप समेत पांच आरोपियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम होने की संभावना प्रबल हो गयी है. इधर, अदालत में सीबीआइ ने स्पष्ट दावा किया है कि यह मामला समय बर्बाद करने के लिए दर्ज किया गया था. हालांकि, संदीप से लेकर सुमन हाजरा तक के वकीलों का दावा है कि कानूनी तौर पर उन्हें कम से कम सात दिन का समय मिलना चाहिए. उच्च न्यायालय ने आरोपियों के बयान सुने बिना ही आदेश जारी कर दिया. इसीलिए उन्होंने पुनर्विचार का अनुरोध किया था. बुधवार को अदालत में सवाल-जवाब का दौर काफी देर तक चला. सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने तब कहा, यदि न्यायिक आदेश है तो उच्च न्यायालय क्या कर सकता है? यद्यपि विपक्षी वकीलों सब्यसाची बनर्जी और अयान भट्टाचार्य ने जवाब में अपनी दलीलें पेश कीं. उन्होंने न्यायाधीश से कहा, आपके निर्देश पर एक न्यायिक आदेश जारी किया गया है. प्रत्येक व्यक्ति को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है. सीबीआइ स्वयं सब कुछ प्रस्तुत नहीं कर सकती. यद्यपि न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष सभी तर्कों और उत्तरों के अंत तक अपनी स्थिति पर अडिग रहे. इसके विपरीत उन्होंने संदीप के पुनर्विचार के अनुरोध को लेकर थोड़े आलोचनात्मक लहजे में कहा, आरोप-पत्र दाखिल करने का समय गुरुवार सुबह 10:45 बजे दिया गया है. इससे पूरी प्रक्रिया में देरी हो रही है.
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