2025 के अंत तक 2,000 मीट्रिक टन इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल कचरे का प्रसंस्करण करना कंपनी का लक्ष्य कोलकाता. कचरा प्रबंधन कंपनी हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग ने पश्चिम बंगाल में सतत औद्योगिक ई-कचरा प्रबंधन के लिए ‘प्रोजेक्ट विश्वकर्मा’ शुरू किया. सुरक्षित औद्योगिक अपशिष्ट निपटान के लिए इस परियोजना की शुरुआत की. हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि उसने ‘प्रोजेक्ट विश्वकर्मा परियोजना’ शुरू किया है, जिसका उद्देश्य कारखानों में पुरानी औद्योगिक मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक कचरे के सुरक्षित निपटान और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना है. हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग के संस्थापक और सीएमडी नंदन मॉल ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य, निर्माताओं और कारखाना मालिकों के बीच खतरनाक कचरे के जिम्मेदार निपटान और पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के बारे में जागरूकता पैदा करना भी है. हुल्लाडेक ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपने ई-कचरे के निबटान और रीसाइक्लिंग के प्रबंधन के लिए इमामी लिमिटेड और डायमंड बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड सहित छह कंपनियों के साथ साझेदारी की है. प्रोजेक्ट विश्वकर्मा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और मशीनरी के सुरक्षित व जिम्मेदार निपटान पर जोर देता है. हम औद्योगिक क्षेत्र में व्यवहार परिवर्तन लायेंगे, व्यवसायों को अनुचित अपशिष्ट निपटान के खतरों और रीसाइक्लिंग के दीर्घकालिक लाभों के बारे में शिक्षित करेंगे. कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025 के अंत तक 2,000 मीट्रिक टन इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल कचरे का प्रसंस्करण करना है और जन जागरूकता बढ़ाने के लिए रणनीतिक साझेदारी बनाते हुए पूरे भारत में अपने संग्रह नेटवर्क का विस्तार करने की योजना है. प्रोजेक्ट विश्वकर्मा लॉन्च कार्यक्रम में डेज मेडिकल स्टोर्स लिमिटेड के ग्रुप चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुमित्रो नाग, फ्रंटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आभास सुल्तानिया, मैगपेट पॉलिमर्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष व सीईओ इंद्रनील गुहो और जीटीपीएल केसीबीपीएल के महाप्रबंधक अंकित अग्रवाल भी उपस्थित थे.
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