चांपाडांगा में ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना का हो रहा विरोध
चांपाडांगा में प्रस्तावित ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना का स्थानीय व्यापारी और निवासी विरोध कर रहे हैं.
प्रतिनिधि, हुगली
चांपाडांगा में प्रस्तावित ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना का स्थानीय व्यापारी और निवासी विरोध कर रहे हैं. हाल ही में इनलोगों को वैद्यवाटी में स्थापित ठोस कचरा प्रबंधन केंद्र और जैविक खाद परियोजना का दौरा करवाया गया ताकि चांपाडांगा के व्यापारी और निवासियों को यह समझाया जा सके कि इस परियोजना से कोई नुकसान नहीं होगा. लेकिन इस दौरे के बाद स्थानीय निवासियों ने स्पष्ट कर दिया कि चांपाडांगा में जिस स्थान को इस परियोजना के लिए चिह्नित किया गया है, वह इसके लिए उपयुक्त नहीं है.
राज्य में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री ने बैठक की थी. उन्होंने निर्देश दिया था कि जिन नगरपालिका क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं है, वहां दो नई परियोजनाएं शुरू की जाएं. इस बैठक में हुगली जिले की तारकेश्वर नगरपालिका में इस व्यवस्था की कमी को लेकर उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की थी और अधिकारियों को तुरंत इसे शुरू करने का निर्देश दिया था. तारकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के तहत तारकेश्वर नगरपालिका, तालपुर और चांपाडांगा पंचायत के लिए ठोस कचरा प्रबंधन केंद्र और जैविक खाद परियोजना की स्थापना को लेकर प्रशासन को लगातार विरोध झेलना पड़ रहा है. आमतौर पर इस तरह के केंद्रों से निकलने वाली दुर्गंध को लेकर स्थानीय निवासियों की आपत्ति मुख्य कारण है. इस विरोध के चलते यह परियोजना लंबे समय से अटकी हुई है. वहीं, दूसरी ओर, वैद्यवाटी नगरपालिका को स्वच्छता के मामले में राज्य की अन्य नगरपालिकाओं से बेहतर माना जाता है. यहां दिल्ली रोड के किनारे 14 और 22 नंबर वार्ड के एक खुले क्षेत्र में ठोस कचरा प्रबंधन केंद्र और जैविक खाद परियोजना बनायी गयी है, जो पूरे राज्य में एक मॉडल के रूप में प्रसिद्ध है. स्थानीय निवासियों को यहां दुर्गंध की कोई शिकायत नहीं है.
इस मॉडल को देखने और समझने के लिए तारकेश्वर प्रशासनिक अधिकारियों, चांपाडांगा के स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को वैद्यवाटी ले जाया गया. इस दौरे में चंदननगर के एसडीओ विष्णु दास, चांपाडांगा के विधायक अरिंदम गुइन, तारकेश्वर के विधायक रामेंदु सिंह राय, तारकेश्वर नगरपालिका के चेयरमैन उत्तम कुंडु और वैद्यवाटी नगरपालिका के चेयरमैन पिंटू महतो शामिल थे. परंतु इस दौरे के बाद भी चांपाडांगा के निवासियों और व्यापारियों ने विरोध जताया. उनका कहना था कि वैद्यवाटी में यह परियोजना लगभग 150 बीघा जमीन पर बनायी गयी है, जबकि चांपाडांगा में इसे बहुत ही छोटे क्षेत्र में स्थापित करने की योजना है.
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि चांपाडांगा एक व्यस्त इलाका है, जहां प्रतिदिन लाखों लोग कोलकाता, पुरुलिया, तारकेश्वर और आरामबाग की ओर यात्रा करते हैं. इसके अलावा, जिस स्थान को परियोजना के लिए चुना गया है, उसके पास स्कूल, कॉलेज, कोल्ड स्टोरेज और व्यापारिक केंद्र मौजूद हैं. परियोजना के कारण क्षेत्र में दुर्गंध और यातायात समस्या उत्पन्न होगी, जिससे स्थानीय निवासियों का जीवन कठिन हो जायेगा. स्थानीय निवासियों का सुझाव है कि ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना के लिए किसी खाली और कम आबादी वाले स्थान का चयन किया जाए.
उनका कहना है कि एक स्थान को स्वच्छ बनाने के लिए दूसरे स्थान की पर्यावरणीय स्थिति खराब करना उचित नहीं है. प्रशासन अब इस विरोध के बीच परियोजना के लिए नया स्थान खोजने या वर्तमान स्थल को लेकर जनसमस्याओं का समाधान करने के प्रयास में जुटा है.
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