थ्रेट कल्चर को लेकर हाइकोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका

बंगाल के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में कथित ‘थ्रेट कल्चर’ को लेकर गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में एक नयी याचिका दायर की गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 31, 2025 2:19 AM

मेडिकल कॉलेजों में थ्रेट कल्चर को लेकर दायर अर्जी को कोर्ट ने किया स्वीकार, अगले हफ्ते हो सकती है सुनवाई

संवाददाता, कोलकाताबंगाल के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में कथित ‘थ्रेट कल्चर’ को लेकर गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में एक नयी याचिका दायर की गयी. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली है. मामले की सुनवाई अगले सप्ताह हो सकती है. याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि अतीत में थ्रेट कल्चर के मुद्दे पर बहुत सारे संवाद और विचार-विमर्श के बावजूद अब तक मामले में कोई सुधार नहीं हुआ है.

यह याचिका न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ द्वारा कोलकाता में राज्य द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से उस प्रीमियम मेडिकल संस्थान में थ्रेट कल्चर के आरोपों पर रिपोर्ट मांगे जाने के ठीक एक दिन बाद दायर की गयी है. न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता बुधवार को आरजी कर अस्पताल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे वहां थ्रेट कल्चर की घटनाओं को रोकने के लिए उठाये गये कदमों का ब्योरा दें और साथ ही यह भी बताएं कि क्या आरोपी डॉक्टरों को मामले में अपनी दलीलें पेश करने का मौका दिया गया था. आरजी कर सहित कोलकाता के विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में थ्रेट कल्चर का मुद्दा पिछले साल अगस्त में उसी अस्पताल की एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ अस्पताल परिसर में हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के बाद सामने आया था.

आरजी कर के पूर्व और विवादास्पद प्रिंसिपल संदीप घोष और उनके करीबी सहयोगियों की पहचान इस धमकी संस्कृति को चलाने के पीछे मुख्य संचालक के रूप में की गयी थी. इसके तुरंत बाद संबंधित कॉलेज परिषदों ने थ्रेट कल्चर को चलाने के आरोपी कई डॉक्टरों को निलंबित कर दिया था. हालांकि, अदालत ने ऐसे कई मामलों में इस आधार पर निलंबन पर रोक लगा दी थी कि आरोपी डॉक्टरों को अपनी दलीलें पेश करने की अनुमति नहीं दी गयी थी. अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी डॉक्टरों के निलंबन के बारे में राज्य स्वास्थ्य विभाग का अंतिम फैसला होगा.

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