‘भोजन को बर्बाद न करें, दान करें’ का संदेश दे रहा पूजा पंडाल
इसी संदेश के साथ तेलंगाना बागान सार्वोजनिन पूजा कमेटी (उल्टाडांगा) का पंडाल बनाया गया है.
कोलकाता. मनुष्य की तीन बुनियादी जरूरतें हैं, रोटी कपड़ा और मकान. इसमें रोटी यानि भोजन उसकी पहली जरूरत है, लेकिन लाखों लोग ऐसे हैं, जिनको दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पाती, वहीं कुछ लोग खाना बर्बाद कर देते हैं, जो ठीक नहीं है .खाना को बर्बाद करने की बजाय किसी को दान करें, तो कई लोगों का पेट भर सकता है. इसी संदेश के साथ तेलंगाना बागान सार्वोजनिन पूजा कमेटी (उल्टाडांगा) का पंडाल बनाया गया है. इसका थीम ‘पृथ्वी गोदोमय’ रखा गया है. कमेटी के अध्यक्ष दिलीप सुरेका और सचिव मधु साहा ने बताया कि दुनियाभर में प्रचलित सभी प्रमुख द्वंद्वों में यह पंक्ति अधिक प्रासंगिक है कि क्या मनुष्य जीने के लिए खाता है या खाने के लिए जीवित रहता है. कुछ लोग इतना खाना बर्बाद करते हैं और कुछ को खाना ही नहीं मिलता है. जीवित रहने के लिए भोजन ईंधन का काम करता है. संख्यात्मक रूप से कहें, तो 700 करोड़ लोगों की दुनिया में रोजाना सौ करोड़ से ज्यादा लोगों का खाना बर्बाद होता है. हम लोगों को खाना बर्बाद नहीं करने का संदेश देना चाहते हैं. पंडाल के कलाकार पृथ्वीश राय ने कहा कि भूखे पेट आदमी भजन भी नहीं कर सकता. लोग अपना खाना बर्बाद करने की बजाय दान करें, यही संदेश देने के इरादे से पंडाल भव्य तरीके से सजाया गया है. पंडाल का बजट 20 लाख रुपये है और इसमें कलात्मक तरीके से रेस्टोरेंट व पार्टी में बर्बाद किये जा रहे खाद्यान्न की झलकियां दिखायी जायेंगी, ताकि लोग जागरूक हो सकें.
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