जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने जेल अधीक्षक को बुलायासंवाददाता, कोलकाता एक और तृणमूल विधायक के मेडिकल बिल पर नया विवाद खड़ा हो गया. तृणमूल के पलाशीपाड़ा से विधायक और शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी माणिक भट्टाचार्य की ओर से एक मेडिकल बिल विधानसभा में पेश किया गया है. हाल में श्री भट्टाचार्य को जमानत मिली है. विधानसभा सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में उन्होंने विधानसभा के टीए-डीए सेक्शन में कुछ मेडिकल बिल जमा किये हैं. उनके मेडिकल बिल पर सवाल खड़ा हो गया है. मामले की सूचना विधानसभा सचिवालय को दी गयी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल बिल को स्पीकर बिमान बनर्जी के पास भेजा गया. मेडिकल बिल की जांच के बाद अध्यक्ष ने प्रेसीडेंसी जेल के अधीक्षक को तलब किया था. प्रेसीडेंसी जेल के अधीक्षक विधानसभा अध्यक्ष से मिलने के लिए सोमवार को विधानसभा भवन आये थे. स्पीकर के साथ लंबी बैठक के बाद अधिकारी चुपचाप विधानसभा से चले गये. लेकिन जेल अधीक्षक को विधानसभा में क्यों बुलाया गया, इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि, विधानसभा सूत्रों के मुताबिक, माणिक ने विधानसभा में जो बिल जमा किया है, उनमें से एक बिल उनके जेल जाने के दौरान का है. नियमों के मुताबिक, जेल में रहने के दौरान कैदी के इलाज की जिम्मेदारी जेल प्रबंधन की होती है. इस वजह से विधानसभा में सवाल उठाया गया है कि माणिक के जेल में रहते हुए चिकित्सा व्यय बिल विधानसभा में कैसे जमा कर सकते हैं? ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने माणिक के इलाज के संबंध में विभिन्न तरह की जानकारी हासिल करने के लिए जेल अधीक्षक को बुलाया था. उल्लेखनीय है कि हाल में ही उत्तरपाड़ा के तृणमूल विधायक कंचन मल्लिक ने भी पत्नी के इलाज से संबंधित भारी भरकम बिल विधानसभा में थमाया था. आमतौर पर जब कोई विधायक मेडिकल बिल जमा करता है तो उसे टीए-डीए अनुभाग से मंजूरी मिल जाती है. जब तक कि इसमें किसी बड़ी ‘विसंगति’ का पता न चले. चूंकि कंचन के बिल में कुछ ‘असामान्य’ था इसलिए मामला तुरंत अध्यक्ष के संज्ञान में लाया गया.
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