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सेना में जासूसी के मामले में सीबीआइ के जांच अधिकारी की भूमिका पर उठे सवाल

वादी ने अदालत में आरोप लगाया कि यह महेश चौधरी ही है, जिसने फर्जी निवास प्रमाण पत्र दिया था.

कोलकाता. भारतीय सेना में फर्जी दस्तावेज के सहारे पाकिस्तानी जासूस की नियुक्ति का मामला सामने आया था और कलकत्ता हाइकोर्ट ने मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. अब इस मामले में सीबीआइ के जांच अधिकारी पर सवाल उठने लगे हैं. अब, केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ के अधिकारी पर रिश्वत लेकर इतने महत्वपूर्ण मामले को दबाने का आरोप लगा है. मंगलवार को जस्टिस तीर्थंकर घोष की अदालत में याचिकाकर्ता विष्णु चौधरी ने आरोप लगाया कि सीबीआई जांच टीम के इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी मुख्य आरोपी से तीन लाख रुपये की रिश्वत लेकर मामले को हल्का करने की कोशिश कर रहे हैं. इस मामले में आरोपी महेश चौधरी को नामजद किया गया है. वादी ने अदालत में आरोप लगाया कि यह महेश चौधरी ही है, जिसने फर्जी निवास प्रमाण पत्र दिया था. इस गिरोह के खिलाफ बोलने पर उन्हें लगातार मौत की धमकियां मिल रही हैं. वह किसी भी दिन मारा जा सकता है. शिकायतकर्ता के सभी आरोपों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति घोष की एकल पीठ ने सीबीआइ को जांच की प्रगति पर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. अदालत ने हुगली के मोगरा पुलिस स्टेशन को वादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी.

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