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जियोटेक लैब के लिए जुटाये 23 लाख रुपये

पूर्व छात्रों ने अपने स्नातक की रजत जयंती मनाने के लिए धन जुटाया है.

कोलकाता. जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व छात्रों ने विश्वविद्यालय में जियोटेक प्रयोगशाला के लिए धन राशि संग्रहित कर अनुदान देने की योजना बनायी है. जेयू के एल्युमनाई का कहना है : हम विभाग को प्लैक्सिस 2डी और प्लैक्सिस 3डी जैसे नवीनतम सॉफ्टवेयर खरीदने में मदद कर रहे हैं, जो जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग सॉफ्टवेयर हैं और सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए जरूरी हैं. वर्ष 1999 में जादवपुर विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग से स्नातक करने वाले छात्रों के एक बैच ने विभाग की जियोटेक प्रयोगशाला के लिए नवीनतम सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए लगभग 23 लाख रुपये जुटाये हैं. फंड की कमी के कारण जेयू अपने दम पर प्रौद्योगिकी का खर्च वहन नहीं कर पा पहा है, इसलिए पूर्व छात्र प्रयोगशाला के नवीनीकरण और नये कंप्यूटर खरीदने में भी मदद करेंगे. पूर्व छात्रों ने अपने स्नातक की रजत जयंती मनाने के लिए धन जुटाया है. वर्ष 1999 बैच के छात्र अनिर्बाण गुन ने जानकारी दी कि हमने वरिष्ठ प्रोफेसरों से बातचीत कर पूछा कि वह किस तरह मदद कर सकते हैं, तो उन्होंने हमें सॉफ्टवेयर की आवश्यकता के बारे में बताया. अगर छात्रों को नवीनतम सॉफ्टवेयर से अवगत नहीं कराया गया, तो वे पिछड़ जायेंगे, इसलिए, हमने सॉफ्टवेयर खरीदा है. उन्होंने कहा कि वे अधिक धन जुटाने की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि विभाग को सॉफ्टवेयर को नवीनीकृत करने और वार्षिक रखरखाव अनुबंधों के भुगतान के लिए संघर्ष न करना पड़े. विश्वविद्यालय धन की कमी से जूझ रहा है, इसे देखते हुए सॉफ्टवेयर को नवीनीकृत करने पर जोर दिया जा रहा है. बैच की एक अन्य छात्रा ने कहा कि नवीनतम सॉफ्टवेयर ”उच्चस्तरीय अनुसंधान” को सक्षम करेगा. शोध कार्य पर ही ग्रोथ संभव है. अगर अनुसंधान प्रभावित होता है, तो विश्वविद्यालय को अपनी रैंकिंग खोना तय है. जेयू ने अपनी स्व-अध्ययन रिपोर्ट में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) को लिखा था कि उसे फंडिंग के संबंध में राज्य और केंद्र संचालित शैक्षणिक संस्थानों के बीच बढ़ती असमानता के कारण धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे नये महंगे उपकरणों का उचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है. जेयू ने उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए आवंटन बढ़ाने का आग्रह किया, क्योंकि जो धनराशि स्वीकृत की गयी है. वह सभी खर्चे चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है. एकत्रित राशि से दिसंबर में लैब खोली जायेगी.

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