पीली टैक्सियों को बचाने के लिए जनमत संग्रह की पहल

कार्यक्रम का आयोजन गीतकार व लेखक झरना भट्टाचार्य ने आई कम्युनिकेशंस के सहयोग से किया था.

By Prabhat Khabar News Desk | December 5, 2024 1:11 AM

कोलकाता. पीली टैक्सियों को बचाने के लिए कोलकाता वासियों ने जनमत तैयार करने की पहल की है. बुधवार लोगों ने ‘हरानो सुरे होलुद टैक्सी’ के बैनर तले पीली टैक्सी से जुड़ी खट्टी-मिठ्ठी यादें ताजा कीं. मौके पर उपस्थित महानगर के संगीतकार, अधिवक्ता, छात्र, अभिनेता, फिल्मकार ने अपनी बात रखी. कार्यक्रम का आयोजन गीतकार व लेखक झरना भट्टाचार्य ने आई कम्युनिकेशंस के सहयोग से किया था. परिचर्चा पैनल में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व राज्यपाल के एडीसी (पी) शांति दास, राजनीतिक कार्यकर्ता शतरूप घोष, आई कम्युनिकेशंस के सलाहकार सौम्यजीत महापात्रा, अभिनेता, निर्देशक, गीतकार, संगीतकार और गायक सुजॉय रुद्र, यादवपुर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता के छात्र – अनुभव मैती, पूर्व भारतीय फुटबॉलर सैयद रहीम नबी शामिल थे.

कलकत्ता हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत नारायण चटर्जी, फिल्म निर्देश व अभिनेता देबप्रतिम दासगुप्ता ने इतनी सारी टैक्सियों के एक साथ बंद होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे परिवहन विभाग और कोलकाता की आर्थिक स्थिति पर व्यापक असर पड़ेगा. वक्ताओं ने सरकार से इस समस्या का समाधान निकालने का आग्रह किया. कार्यक्रम में पीली टैक्सी चालकों और यात्रियों की कहानियों और अनुभवों पर भी प्रकाश डाला गया. पीली टैक्सियों की यात्रा को दर्शाने वाले एक फोटो को भी प्रदर्शित किया गया.

कोलकाता की सड़क पर 1908 में दौड़ी पहली टैक्सी

महानगर में 1908 में टैक्सी का परिचालन शुरू हुआ था. उस वक्त टैक्सी का किराया आठ आना (50 पैसे) प्रति मील था. 1962 में कलकत्ता टैक्सी एसोसिएशन ने भारतीय सड़कों के लिए इसके स्थायित्व का हवाला देते हुए मानक टैक्सी मॉडल के रूप में एंबेसडर को अपनाया. कोलकाता की टैक्सी को पीला रंग देने के पीछे की सोच रात में भी इसकी उच्च दृश्यता थी. सुरेंद्रनाथ बनर्जी कोलकाता के पहले पीली टैक्सी चालक थे, जिन्हें 1932 में परमिट मिला था.

पीली टैक्सियों को बचाने के लिए बना ज्वाइंट फोरम

पश्चिम बंगाल ज्वाइंट फोरम ऑफ टैक्सी एसोसिएशन पीली टैक्सियों को बचाने के लिए कमर कस चुका है. बंगाल की कई टैक्सी संगठनों को मिलाकर इस फोरम का गठन किया गया है. ज्वाइंट फोरम में बंगाल टैक्सी एसोसिएशन, प्रोग्रेसिव टैक्सी यूनियन, एआइटीयूसी से संबद्ध टैक्सी संगठनों और कोलकाता टैक्सी एसोसिएशन को शामिल किया गया है. फोरम के नेताओं ने कहा कि वे पीली टैक्सियों की मांगों को लेकर इस सप्ताह परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती को पत्र लिखेंगे.

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