संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल योग परिषद ने 24 योग विशेषज्ञों का पंजीकरण रद्द कर दिया है. प्रमाणन प्रक्रिया में अनियमितताएं पाये जाने के कारण पंजीकरण रद्द किया गया है. आरोप है कि इन साधकों ने परिषद द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा किये बिना ही फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त किये थे. राज्यपाल ने शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य भवन को विस्तृत जांच शुरू करने के लिए कहा था. गत वर्ष 27 अगस्त को स्वास्थ्य भवन ने राज्य योग परिषद से रिपोर्ट मांगी थी. जांच करने के बाद योग परिषद ने राज्य स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट सौंपी. योग परिषद ने 24 योग विशेषज्ञों को सात दिनों के भीतर अपने फर्जी प्रमाण पत्र वापस करने का निर्देश भी दिया. स्वास्थ्य भवन की रिपोर्ट में कदाचार और प्रक्रियागत उल्लंघन के पर्याप्त सबूत हैं, जिससे आगे की जांच की जा रही है. जांच के निष्कर्षों ने इन योग साधकों की प्रमाणन प्रक्रिया की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. परिषद के अध्यक्ष तुषार शील ने भ्रष्टाचार की बात स्वीकार की है. शील ने घटना के लिए पूर्व रजिस्ट्रार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने यह भी कहा कि इन 24 योग चिकित्सकों को अपने प्रमाण पत्र वापस करने को कहा गया है तथा इस मामले की जानकारी राज्य स्वास्थ्य विभाग को भी दे दी गयी है.
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