फार्मेसी काउंसिल के छह सदस्यों के चुनाव का मामला कोलकाता. राज्य में एक बार फिर फार्मेसी काउंसिल के मतदान को लेकर जटिलताएं उत्पन्न हो गयी हैं. बुधवार को हाइकोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने इस मामले में परिणाम प्रकाशित करने के लिए शर्तें तय कर दी हैं. न्यायालय ने पहले ही मतदान के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी थी. हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने कहा कि पर्यवेक्षकों के समक्ष प्रस्तुत शिकायत के आलोक में सभी पक्षों के बयान सुनने के बाद शिकायत का समाधान करना होगा और शिकायतों का समाधान होने तक मतदान के परिणाम घोषित नहीं किये जा सकते. ज्ञात हो कि इससे पहले हाइकोर्ट के आदेश पर फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार ने छह सदस्यों के चुनाव को लेकर मतदान का नोटिस जारी किया था. 16 नवंबर की अधिसूचना के अनुसार, वर्तमान में मतदान प्रक्रिया चल रही है. यह प्रक्रिया इस गुरुवार को समाप्त हो जायेगी और इसके परिणाम चार फरवरी को घोषित किये जायेंगे. लेकिन इसी बीच रिटर्निंग ऑफिसर पर चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. अब उच्च न्यायालय ने शिकायत का निपटारा होने तक चुनाव परिणामों की घोषणा पर रोक लगा दी है. याचिकाकर्ता सिमंता भट्टाचार्य ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि निर्वाचन अधिकारी मतदान में भाग लेने वाले अन्य उम्मीदवारों को अनैतिक लाभ दे रहे हैं. इससे पहले हाइकोर्ट के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव को इस चुनाव में पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था.
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