आरजी कर कांड: विधानसभा पहुंचे पीड़िता के माता-पिता, शुभेंदु से लगायी इंसाफ की गुहार
माता-पिता ने मंगलवार को संविधान दिवस के दिन राज्य विधानसभा परिसर में पहुंचकर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात की और अपनी बेटी के लिए इंसाफ की मांग की
कोलकाता. आरजी मेडिकल कालेज व अस्पताल में अगस्त महीने में दुष्कर्म और हत्या की शिकार हुई प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के माता-पिता ने मंगलवार को संविधान दिवस के दिन राज्य विधानसभा परिसर में पहुंचकर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात की और अपनी बेटी के लिए इंसाफ की मांग की. दोपहर करीब 12.45 बजे पीड़िता के अभिभावक कोलकाता नगर निगम के भाजपा पार्षद सजल घोष के साथ विधानसभा परिसर पहुंचे और सबसे पहले विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के कमरे में गये. उन्होंने शुभेंदु अधिकारी और अन्य भाजपा विधायकों से बातचीत की और उनसे कुछ ऐसा करने की गुहार लगायी, जिससे दुष्कर्म व हत्या की शिकार उनकी बेटी को त्वरित न्याय मिले. इस मुलाकात के दौरान पीड़िता के अभिभावक फूट-फूट कर रोने लगे. पीड़िता की मां ने रोते हुए श्री अधिकारी से कहा: जिस तरह आम लोग हमारे साथ खड़े हैं, हम आपसे भी आने वाले दिनों में ऐसा करने का अनुरोध करते हैं. मेरी बेटी का क्या कसूर था कि उसे इस तरह की जघन्य मौत का सामना करना पड़ा? हमें अभी तक यह पता नहीं है कि उस रात उसके साथ वास्तव में क्या हुआ था. नेता प्रतिपक्ष ने उन्हें सांत्वना दी और आंसू भी पोंछे. इस दौरान भाजपा विधायक चंदना बाउरी भी भावुक होकर रो पड़ीं. श्री अधिकारी ने घोषणा की कि 10 दिसंबर को शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सभी भाजपा विधायक पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के लिए शीघ्र न्याय की मांग को लेकर विधानसभा के अंदर और बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे. श्री अधिकारी इसी दिन पीड़िता के माता-पिता के साथ राजभवन जायेंगे. गौरतलब है कि उसी दिन, तृणमूल अपराजिता अधिनियम को लागू करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरेगी. भाजपा विधायकों से मिलने के बाद पीड़िता के माता-पिता ने आल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआइएसएफ) के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी से भी मुलाकात की और उनसे भी इसी तरह की गुहार लगायी. महिला डाक्टर का शव नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष से बरामद किया गया था. शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस ने की थी और बाद में कलकत्ता हाइकोर्ट ने घटना की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंप दिया था. फिलहाल, मामले की सुनवाई कोलकाता की एक विशेष अदालत में चल रही है.
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