रिसड़ा-बागखाल शूटआउट का आरोपी अरेस्ट
कोर्ट ने सात दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा
कोर्ट ने सात दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा हुगली. रिसड़ा बागखाल में शूटआउट की घटना में आरोपी रंजन यादव को उत्तरपाड़ा थाने की पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया. उसे श्रीरामपुर कोर्ट में पेश कर घटना की तफ्तीश के लिए सात दिनों के लिए रिमांड पर लिया है. उत्तरपाड़ा थाने से अदालत ले जाते समय रंजन बेहद शांत दिखा. उसने दावा किया कि वह तृणमूल कांग्रेस का कार्यकर्ता है. रंजन ने बताया कि एक साल पहले शम्सुद्दीन ने उसकी मां को मारा था. उसी गुस्से में उसने गोली चलायी. आरोपी का पिता एक समय शम्सुद्दीन का वाहन चालक था. शम्सुद्दीन के भाई मोहम्मद नसरत का कहना है कि रंजन के सिर पर तृणमूल कांग्रेस का हाथ है और इस घटना की ठीक से जांच होनी चाहिए. ट्रांसपोर्टर के दोस्त आफताब आलम ने बताया कि आरोपी पहले बजरंग दल का सदस्य था. पिछले साल दिसंबर में मारपीट के मामले में जेल भी गया था. आफताब का मानना है कि जरूर उसके पीछे कोई है, नहीं तो उसे हथियार कहां से मिला? वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के श्रीरामपुर संगठन के सचिव इंद्रनील दत्ता ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस समाजविरोधी तत्वों को संरक्षण देती है. वोट और रिगिंग के लिए ऐसे लोगों की मदद लेती है. श्रीरामपुर संगठन के तृणमूल युवा अध्यक्ष शुभदीप मुखोपाध्याय ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा, “ऐसी बातें वही लोग कहते हैं जो चुनाव में हार जाते हैं. हमारे यहाँ कुछ समय पहले चुनाव हुए थे, और किसी ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की थी. आरोपी का तृणमूल कांग्रेस के साथ कोई संबंध नहीं है. हमने जानकारी ली है, आरोपी बजरंग दल का सदस्य है, जो व्यक्ति बजरंग दल करता है, वह तृणमूल कांग्रेस कैसे कर सकता है? यह सब भाजपा का रचा हुआ नाटक है. ” गौरतलब है कि मंगलवार की सुबह बागखाल में ट्रांसपोर्टर शम्सुद्दीन अंसारी एक व्यक्ति के साथ खड़े होकर बात कर रहे थे, तभी रंजन यादव ने उनके सिर पर गोली मार दी. गंभीर हालत में उन्हें पहले श्रीरामपुर वॉल्स अस्पताल ले जाया गया, फिर कोलकाता के मल्लिक बाजार के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. ऑपरेशन कर गोली निकाल दी गई है, लेकिन व्यवसायी की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है.
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