आरपीएफ ने 586 बांग्लादेशी व 318 रोहिंग्याओं को पकड़ा

वर्ष 2021 से लेकर अब तक आरपीएफ को मिली सफलता

By Prabhat Khabar News Desk | January 20, 2025 12:21 AM

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के साथ बंगाल के स्टेशन से ट्रेन से पहुंच रहे देश के अन्य शहरों में पहुंच रहे घुसपैठिये कोलकाता. बांग्लादेश में हिंसा के बाद रेल मंत्रालय ने अपने सीमावर्ती रेलवे स्टेशनों पर भी नजरदारी बढ़ा दी है. गत वर्ष जून और जुलाई तक आरपीएफ ने अभियान चला कर 88 अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था. ये सभी पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एएफआर) के विभिन्न स्टेशनों से पकड़े गये. जानकारी के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल ने वर्ष 2021 से अब तक 916 लोगों को पकड़ा है. इनमें से 586 बांग्लादेशी और 318 रोहिंग्या हैं.

जून से जुलाई 2024 तक 88 घुसपैठिये पकड़े गये : 2024 के जून और जुलाई में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एएफआर) क्षेत्र के अंतर्गत आरपीएफ ने 88 बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को पकड़ा. इनमें से कई ने यह स्वीकार किया कि वे अवैध रूप से भारत में प्रवेश किये और ट्रेन से कोलकाता सहित अन्य गंतव्यों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. स्थानीय पुलिस के साथ मिल कर कार्रवाई कर रही आरपीएफ ः आरपीएफ ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), स्थानीय पुलिस व खुफिया इकाइयों के साथ सहयोग बढ़ा दिया है. इस इंटर-एजेंसी समन्वय ने ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाया है, जिससे घुसपैठ में शामिल लोगों की पहचान और उन्हें पकड़ने में सफलता मिली है. आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसी घुसपैठिये को सीधे गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने का अधिकार आरपीएफ के पास नहीं है. पकड़े गये लोगों को पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों को सौंप दिया जाता है, जो आगे की कानूनी कार्रवाई करती हैं.

बंगाल और असम के रास्ते देश के अन्य हिस्सों में पहुंच रहे घुसपैठिये

अक्तूबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश सीमा पर बढ़ी सुरक्षा के बावजूद घुसपैठ जारी है. असम को ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल करते हुए ये घुसपैठिये भारतीय रेलवे का उपयोग कर देश के अन्य हिस्सों में पहुंच रहे हैं. यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा, बल्कि रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा को भी खतरा है. सूत्रों के अनुसार बांग्लादेशी असम और बंगाल की खुली सीमा का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए कर रहे हैं. असम से दलाल उन्हें ”सेफ जोन”” उपलब्ध कराते हैं और वह विभिन्न रास्तों का इस्तेमाल कर हावड़ा, कोलकाता और सियालदह स्टेशन पहुंचते हैं. यहां से ट्रेन में सवार होकर वे देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच जाते हैं.

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