घाटाल मास्टर प्लान के लिए 500 करोड़ आवंटित
पश्चिम मेदिनीपुर में घाटाल क्षेत्र अपनी अजीबोगरीब भौगोलिक स्थिति और नदियों के जटिल नेटवर्क के कारण लगातार बाढ़ की समस्या का सामना करता है.
कोलकाता. पश्चिम मेदिनीपुर में घाटाल क्षेत्र अपनी अजीबोगरीब भौगोलिक स्थिति और नदियों के जटिल नेटवर्क के कारण लगातार बाढ़ की समस्या का सामना करता है. बिना किसी पूर्व सूचना के डीवीसी द्वारा भारी मात्रा में अनियंत्रित रूप से पानी छोड़े जाने के कारण यहां बाढ़ की समस्या और बढ़ जाती है. प्रत्येक वर्ष आने वाली इस बाढ़ की समस्या का समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने घाटाल मास्टर प्लान तैयार किया था, जिसे बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) के तहत भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया था. चूंकि केंद्र सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, इसलिए राज्य सरकार ने बाढ़ नियंत्रण योजना के हिस्से के रूप में अपने स्वयं के बजट से क्षेत्र में कई नदियों की ड्रेजिंग की है और 115 किमी नदी ड्रेजिंग के लिए पहले ही 341 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. उन्होंने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्षों के बाद भी घाटाल मास्टर योजना को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है और इसलिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए स्वयं पहल शुरू की है. यह परियोजना कुल 1,500 करोड़ रुपये की लागत से दो वर्षों के भीतर पूरी होनी है और इस योजना के लिए वर्तमान वर्ष 2025-26 के वित्त वर्ष में 500 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है.
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