सनातन संस्कृति को बचायें, तभी बचेगा देश : वासुदेव देवनानी
अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के कार्यक्रम में भी बांग्लादेश के हालात पर हुई चर्चा
अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के कार्यक्रम में भी बांग्लादेश के हालात पर हुई चर्चा विकसित भारत में मारवाड़ी समाज का है बहुत बड़ा योगदान कोलकाता. सनातन संस्कृति को बचाना है, तभी देश बचेगा. नहीं तो न देश बचेगा और न शांति मिलेगी. यह कहना है राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का. बुधवार को अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के 90वें स्थापना दिवस समारोह पर जीडी बिरला सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उद्घाटनकर्ता व मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित श्री देवनानी ने कहा कि सनातन संस्कृति कभी खत्म नहीं होनेवाली, लेकिन आज सनातन संस्कृति विलुप्त होती जा रही है, उसे बचाने के लिए नयी पीढ़ी में संस्कार देने की जरूरत है. आज मारवाड़ी देश के हर कोने में अपना परचम लहरा रहे हैं. विकसित भारत में मारवाड़ी समाज का बहुत बड़ा योगदान है, लेकिन आज बड़े-बड़े औद्योगिक घराने होना ही विकसित भारत नहीं है, बल्कि सनातन संस्कृति को बचाना है. तभी देश बचेगा. आज भारत ही है, जहां हिंदू और मारवाड़ी सभी लोग सुरक्षित हैं. उन्होंने बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा कि आज बांग्लादेश सामने ही है, देख सकते हैं. चारों ओर से भारत की घेराबंदी हो रही है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिनके नेतृत्व में भारत सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि देश प्रथम, फिर समाज और फिर खुद के बारे में सोंचे. लेकिन यह उल्टा हो गया है. इसे बदलना होगा. अन्यथा जिस तरह से देश में विभाजनकारी शक्तियां काम कर रही हैं. प्रलोभन की बात चल रही है, उन्हें रोकना होगा. नहीं तो न देश बचेगा और न शांति मिलेगी. हमें अपनी मातृ भाषा को नहीं भूलनी चाहिए. मौके पर पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री प्रहलाद राय अग्रवाल ने सम्मेलन के इतिहास को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया. उन्होंने घोषणा की कि प्रवीण उद्योगपति एवं समाजसेवी वेणुगोपाल बांगड़ को राजस्थानी व्यक्तित्व पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा कि सम्मेलन सदैव से ही समाज सुधार के लिए जाना जाता है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में एक राजस्थान भवन स्थापित करने के लिए बंगाल की मुख्यमंत्री से बात करने को कहा. कार्यक्रम के आरंभ में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश जैन ने स्वागत भाषण दिया. राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया. राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं सम्मेलन की वर्तमान सत्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. इस अवसर पर सम्मेलन की मासिक पत्रिका समाज विकास के विशेषांक का वासुदेव देवनानी विमोचन किया. अंत में कोलकाता की सांस्कृतिक संस्था मरुधारा द्वारा एक नाटक प्रस्तुत किया गया, जो कि राजस्थान रत्न से सम्मानित पद्मश्री विजय नाथ देथा की कहानियों पर आधारित था. नाटक का मंचन मारवाड़ी भाषा में किया गया, जिसे सभी दर्शकों ने सराहा. समारोह में उपस्थिति रहे विशेष गणमान्य ः समारोह में राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री संजय गोयनका, पवन जालान, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद लाल रूंगटा, डॉ हरि प्रसाद कानोडिया, रामअवतार पोद्दार एवं संतोष सराफ, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री भानीराम सुरेका एवं संजय हरलालका,आत्माराम सोंथालिया, हरिप्रसाद बुधिया, राजेंद्र खंडेलवाल, अरुण गाड़ोदिया, राजेश सोंथलिया, अरुण प्रकाश मल्लावत, अनिल मल्लावत, कुंज बिहारी अग्रवाल, संदीप गर्ग, विश्वनाथ भुवालका, नंद किशोर अग्रवाल, लक्ष्मीपत भुतोड़िया, विमल केजरीवाल, शिवरतन फोगला, राजेश ककरानिया, पवन बंसल, सजन बेरीवाल, प्रमोद जैन, अनिल डालमिया, सुषमा अग्रवाल, सतीश लाखोटिया, अनूप अग्रवाल, राजेश सिंघल, रमेश बजाज, सजन शर्मा, पवन जैन, शंकरलाल कारीवाल, बीडी मूंधड़ा, अशोक संचेती आदि उपस्थित थे. सामाजिक विसंगतियों को दूर करने के लिए समाज एकजुट हो : शिवकुमार लोहिया कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय भाषण में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने कहा कि जिस प्रकार मारवाड़ी समाज के डीएनए में व्यापार एवं समाज सेवा है, उसी प्रकार सम्मेलन के डीएनए में समाज सुधार है. सम्मेलन का पांच सूत्री कार्यक्रम है, जिसमें प्रमुख है संस्कार संस्कृति चेतना एवं समाज सुधार एवं आपनो समाज-एक समाज-श्रेष्ठसमाज. समाज के सभी घटकों को अपने सभी रकम की दूरियां पाटकर एकजुट होने की आवश्यकता है और सम्मेलन की स्थापना से ही इस उद्देश्य को लेकर सम्मेलन आगे बढ़ रहा है. आज समाज में नयी-नयी विसंगतियां एवं कुरीतयां पैदा हो रही हैं. युवा पीढ़ी में मूल्य बोध का अभाव दिख रहा है. जो चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि मेरा यह दृढ विश्वास है कि सतत प्रयास एवं कर्म में से हम इस बिगड़ी स्थिति को भी सुधार कर सकते हैं. उन्होंने सभी समाज बंधुओं का आह्वान किया कि सम्मेलन से जुड़ें, सम्मेलन की कार्यक्रमों से जुड़ें एवं समाज को नयी दिशा देने में अपना योगदान दें.
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