कम छात्र वाले स्कूलों का होगा विलय
ये बातें शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने एक कार्यक्रम में कहीं. एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि कई स्कूलों में छात्र ही नहीं हैं.
कोलकाता. राज्य के कई स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या नगण्य है. लेकिन वहां शिक्षकों की नियुक्ति है. राज्य में कम छात्र वाले सरकारी स्कूलों का अन्य सक्रिय स्कूलों के साथ मर्ज किया जायेगा. ये बातें शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने एक कार्यक्रम में कहीं. एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि कई स्कूलों में छात्र ही नहीं हैं. ऐसे स्कूलों का विवरण तैयार कर इस पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जहां बच्चों ने नामांकन नहीं करवाया है, उन स्कूलों का आसपास के उन स्कूलों में विलय किया जायेगा, जहां छात्रों की संख्या पर्याप्त है. इस तरह अलग-अलग जगहों के स्कूल आपस में जोड़े जायेंगे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि माध्यमिक की पढ़ाई के लिए छात्रों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार से 10वीं कक्षा तक मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. इससे सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को स्कूल की ओर आने में अधिक रुचि पैदा होगी. 10 बजे तक खाना नहीं मिलने से कई गरीब बच्चों को परेशानी हो रही है. शिक्षा मंत्री ने कहा : कई सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पर्याप्त संख्या में छात्र नहीं हैं, इसलिए सरकार ने उनमें से कुछ का विलय करने की योजना बनायी है. ऐसे कई स्कूल हैं, जहां छात्र नहीं हैं. हम पीटीआर (छात्र-शिक्षक अनुपात) का अध्ययन कर रहे हैं और इसी के अनुसार काम किया जायेगा. स्कूलों में ड्रॉपआउट की समस्या पर भी कोई समाधान निकाला जायेगा. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि कई छात्र आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए छोटी-मोटी नौकरियां करने लगते हैं. महामारी के बाद स्कूल छोड़ने की दर में वृद्धि हुई है, जिससे कई परिवारों की वित्तीय स्थिति खराब हो गयी. मध्याह्न भोजन योजना को 10वीं कक्षा तक विस्तारित करने के लिए अपील की गयी है.
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