बीटेक में बढ़ायी गयीं सीटें, पर शिक्षकों की कमी से जूझ रही सीयू

कलकत्ता यूनिवर्सिटी (सीयू) ने चार वर्षीय बीटेक पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या में वृद्धि की है, लेकिन अभी तक अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 4, 2024 1:50 AM

संवाददाता, कोलकाता

कलकत्ता यूनिवर्सिटी (सीयू) ने चार वर्षीय बीटेक पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या में वृद्धि की है, लेकिन अभी तक अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गयी है. शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को पर्याप्त कक्षाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं. शिक्षकों ने अधिकारियों पर योजना की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने इस वर्ष चार वर्षीय बीटेक कार्यक्रम में छात्रों की संख्या 253 से बढ़ाकर 414 कर दी है. लेकिन पर्याप्त संकाय सदस्यों की अनुपस्थिति से पढ़ाई प्रभावित हो रही है. शिक्षकों का संकट इतना गहरा गया है कि प्रत्येक दिन दो सेशन में थ्योरी और प्रैक्टिकल की कक्षाएं करवानी पड़ रही हैं. विश्वविद्यालय ने अभी तक अतिरिक्त छात्रों को समायोजित करने के लिए इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी संकाय को (साल्ट लेक) में एक नयी इमारत प्रदान नहीं की है.

सीयू के रजिस्ट्रार देबाशीष दास ने जानकारी दी कि उन्होंने संकाय के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा के लिए बुधवार (चार दिसंबर) को सिंडिकेट (सीयू की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था) की बैठक बुलायी है. वे संकट से निबटने के लिए अधिक संविदा शिक्षकों को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं. चार वर्षीय बीटेक कार्यक्रम की प्रथम वर्ष की कक्षाएं संविदा शिक्षकों द्वारा ली जाती हैं, लेकिन सीटों की संख्या बढ़ने के बावजूद ऐसे शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ी है. विश्वविद्यालय स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि उसके पास पूर्णकालिक कुलपति नहीं है. रजिस्ट्रार ने कहा कि वे सिंडिकेट की बैठक में जगह की कमी पर चर्चा करेंगे. रजिस्ट्रार ने कहा कि संविदा शिक्षकों की नियुक्ति पर चर्चा के लिए सिंडिकेट बैठक बुधवार को बुलायी गयी है. सीयू के एक अधिकारी ने कहा कि प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए सात संविदा शिक्षक हैं. विश्वविद्यालय गेस्ट शिक्षकों को नियुक्त करता है, लेकिन उन्हें एक सेमेस्टर में 20 से अधिक थ्योरी कक्षाएं लेने की अनुमति नहीं है. ऐसे में विश्वविद्यालय संविदा शिक्षकों के भरोसे है. कई संविदा शिक्षक चले गये हैं, क्योंकि विश्वविद्यालय ने पिछले 10 वर्षों में उनका पारिश्रमिक नहीं बढ़ाया है. प्रथम वर्ष के बीटेक छात्रों को भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित से संबंधित मौलिक पाठ्यक्रम पढ़ाये जाते हैं. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक शिक्षक ने कहा : हमने विश्वविद्यालय को शिक्षकों की कमी और जगह की कमी के बारे में सूचित कर दिया है. उम्मीद है कि वे समस्याओं पर गौर करेंगे.

और उनका समाधान करेंगे. वहीं इस मसले पर इंजीनियरिंग के डीन देबोतोष गुहा ने कहा कि शिक्षकों की शीघ्र व्यवस्था की जायेगी. कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रोफेसर संखायन चौधरी ने कहा कि हमारे विभाग में 16 पूर्णकालिक शिक्षण पद हैं. हमारे पास केवल आठ पूर्णकालिक शिक्षक हैं. उनमें से दो जनवरी में रिटायर हो जायेंगे. यूनिवर्सिटी को बीटेक सीटों की संख्या बढ़ाने से पहले अतिरिक्त पद सृजित करने और रिक्त पदों को भरने के बारे में सरकार से बात करनी चाहिए थी.

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