जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से सीनियर सहमत नहीं
उधर, आरजी कर की घटना के विरोध में हाइकोर्ट की अनुमति से सीनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को महानगर में महाजुलूस निकाला.
कोलकाता. एक बार फिर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये हैं, जिससे सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सेवा प्रभावित हो रही है. जूनियर डॉक्टरों की इस हड़ताल से सीनियर चिकित्सक सहमत नहीं हैं. उनका मानना है कि काक करते हुए विरोध किया जा सकता है. उधर, आरजी कर की घटना के विरोध में हाइकोर्ट की अनुमति से सीनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को महानगर में महाजुलूस निकाला.
बता दें कि चिकित्सकों के संगठन ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स (जेपीडी) ने 55 संगठनों के साथ [मिल कर देवीपक्ष शुरू होने से पहले एक अक्तूबर को महाजुलूस निकालने का एलान पहले ही किया था. इसके मद्देनजर मंगलवार शाम 5.30 बजे कॉलेज स्क्वायर से रवींद्र सदन तक रैली निकाली गयी. इस दिन जुलूस बीबी गांगुली स्ट्रीट से सेंट्रल एवेन्यू होते हुए रवींद्र सदन के रानू छाया मंच तक गया. जुलूस में पीड़िता के माता-पिता भी थे. जुलूस में आम लोगों ने भी हिस्सा लिया.आरजी कर की पीड़िता को मिले न्याय : जुलूस में शामिल वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ स्वर्ण गोस्वामी ने कहा कि जूनियर डॉक्टर फिर हड़ताल पर चले गये हैं. पर वे काम करते हुए भी हम सीनियर डॉक्टरों की तरह आंदोलन जारी रख सकते हैं. हम जूनियर डॉक्टरों के इस आंदोलन में साथ खड़े हैं. हमारी एकमात्र मांग है पीड़िता के लिए न्याय. लेकिन शासक के लोग हमें डराने की कोशिश कर रहे हैं. जूनियर डॉक्टरों को आंदोलन करने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने भी जूनियर डॉक्टरों को सुरक्षा देने की बात कही है, लेकिन प्रशासन सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहा. आंदोलनकारी सीनियर डॉक्टरों की भी राय ले जूनियर : सर्विस डॉक्टर फोरम के कोषाध्यक्ष डॉ सपन विश्वास ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों के इस त्योहारी सीजन में हड़ताल पर जाने से अस्पतालों की सेवा प्रभावित होगी. उन्होंने कहा : सीनियर डॉक्टर, जूनियर के साथ खड़े हैं. पर हम चाहते है कि जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने से पहले या ऐसे किसी अन्य मुद्दे पर आंदोलनकारी सीनियर डॉक्टरों से भी राय लें. अगर जरूरत हो, तो सीनियर डॉक्टरों के साथ भी गवर्निंग बॉडी (जीबी) की बैठक हो. इसके बाद इस तरह के निर्णय लिये जायें.
जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन से मरीजों को हो रही परेशानी
कमरहट्टी. कमरहट्टी स्थित सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक रोगी की मौत के बाद चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटना के बाद जूनियर डॉक्टर आंदोलन पर हैं. इससे कई रोगियों को बिना चिकित्सा के लौटना पड़ रहा है. बरानगर के 70 वर्षीय एक वृद्ध को कई जगहों का चक्कर लगाना पड़ा. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि आइसीयू में कोई बेड खाली नहीं होने के कारण उसे रेफर किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है