सीमा पर सात बांग्लादेशी घुसपैठिये और तीन भारतीय दलाल गिरफ्तार
यह ऑपरेशन एक विश्वसनीय एवं गुप्त जानकारी के आधार पर चलाया गया, जिसमें बीएसएफ के सतर्क जवानों ने अदम्य साहस और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया.
कोलकाता. बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की 146वीं बटालियन के जवानों ने पश्चिम बंगाल के नदिया व मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर साहसिक ऑपरेशन को अंजाम देते हुए सात अवैध बांग्लादेशी नागरिकों और तीन भारतीय दलालों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की. यह ऑपरेशन एक विश्वसनीय एवं गुप्त जानकारी के आधार पर चलाया गया, जिसमें बीएसएफ के सतर्क जवानों ने अदम्य साहस और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया. गुरुवार को जलंगी में पैट्रोलिंग पार्टी के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 6-7 घुसपैठियों की संदिग्ध गतिविधि देखी, जो भारत से बांग्लादेश में जाने की फिराक में थे. जवानों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उनमें से दो घुसपैठियों को पकड़ लिया, जबकि अन्य अंधेरे व धुंध का फायदा उठाकर वापस भारतीय सीमा में भागने में कामयाब रहे. पकड़े गए घुसपैठियों से पूछताछ करने पर पता चला कि वे दोनों बांग्लादेशी नागरिक है व उनके पांच बांग्लादेशी साथी और हैं जो कि सुबह भागने में कामयाब हो गये थे, पूछताछ में आगे पता चला कि वे सभी भारत के सीमावर्ती गांव मधुबना के एक दलाल की मदद से अवैध रूप से सीमा पार करने की फिराक में थे, लेकिन सीमा पार करते समय उन दोनों को बीएसएफ के जवानों ने पकड़ लिया. पकड़े गए दलाल से पूछताछ के दौरान उन पांच अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के बारे में पता चला जो सुबह अंधेरे व धुंध का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गए थे, दलाल के अनुसार वे सभी गोपालपुर घाट के समीप एक केले के बागान में छिपे हुए हैं जिसके आधार पर सुबह लगभग नौ बजे बीएसएफ जवानों ने एक और ऑपरेशन की शुरुआत की. इस बार जवानों की अलग-अलग पार्टी आम नागरिकों का वेश बनाकर तय योजना के तहत दलाल द्वारा बतायी गयी जगह पर ऑटो व एंबुलेंस से पहुंचे और दलाल को वहां छिपे हुए अन्य पांच अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को फोन करके भरोसे में लेकर सामने लाने के लिए निर्देश दिया, नतीजतन कुछ देर बाद पांचों बांग्लादेशी नागरिक एक केले के बागान से निकलकर बाहर आये, जिन्हें बीएसएफ ने तत्काल गिरफ्तार कर लिया. अब तक पकड़े गए सातों अवैध बांग्लादेशी नागरिकों व दलाल से मिली जानकारी से दो अन्य भारतीय दलालों के नाम सामने आये जो उसी नेटवर्क का हिस्सा थे और ये भी पता चला कि ये दलाल इन बांग्लादेशियों को सीमा पार कराने के लिए सात हजार भारतीय रुपये प्रति व्यक्ति से लेने वाले थे.
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