कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अवैध वित्तीय संस्थानों में पैसा जमा करके ठगे गये करोड़ों लोगों को मुआवजा देने के लिए लगभग एक दशक पहले उनके नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था. सेवानिवृत्त न्यायाधीश शैलेंद्र प्रसाद तालुकदार ने शारीरिक बीमारी के कारण उस पद से इस्तीफा देने के लिए उच्च न्यायालय के अधिकारियों को पत्र लिखा था. इस दौरान करीब 55 हजार जमाकर्ताओं को समिति के माध्यम से 75 करोड़ रुपये का रिफंड मिले हैं. हाइकोर्ट ने अब तक 54 अवैध वित्तीय संस्थानों के जमाकर्ताओं को पैसा लौटाने और उन संस्थानों की संपत्तियों को बेचने की जिम्मेदारी कमेटी को सौंपी है. हालांकि, जमाकर्ताओं और कुछ वकीलों की शिकायत है कि पैसा लौटाने में सरकार की लंबी प्रक्रिया और लालफीताशाही की खामियों को उजागर करने में कमेटी पूरी तरह सफल नहीं हो पायी है. परिणामस्वरूप, उन्हें लगता है कि अधिक लोगों ने मुआवजा पाने का अवसर खो दिया है.
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