अवैध वित्तीय संस्थानों की कमेटी से शैलेंद्र प्रसाद तालुकदार ने दिया इस्तीफा

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अवैध वित्तीय संस्थानों में पैसा जमा करके ठगे गये करोड़ों लोगों को मुआवजा देने के लिए लगभग एक दशक पहले उनके नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था.

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2024 2:01 AM
an image

कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अवैध वित्तीय संस्थानों में पैसा जमा करके ठगे गये करोड़ों लोगों को मुआवजा देने के लिए लगभग एक दशक पहले उनके नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था. सेवानिवृत्त न्यायाधीश शैलेंद्र प्रसाद तालुकदार ने शारीरिक बीमारी के कारण उस पद से इस्तीफा देने के लिए उच्च न्यायालय के अधिकारियों को पत्र लिखा था. इस दौरान करीब 55 हजार जमाकर्ताओं को समिति के माध्यम से 75 करोड़ रुपये का रिफंड मिले हैं. हाइकोर्ट ने अब तक 54 अवैध वित्तीय संस्थानों के जमाकर्ताओं को पैसा लौटाने और उन संस्थानों की संपत्तियों को बेचने की जिम्मेदारी कमेटी को सौंपी है. हालांकि, जमाकर्ताओं और कुछ वकीलों की शिकायत है कि पैसा लौटाने में सरकार की लंबी प्रक्रिया और लालफीताशाही की खामियों को उजागर करने में कमेटी पूरी तरह सफल नहीं हो पायी है. परिणामस्वरूप, उन्हें लगता है कि अधिक लोगों ने मुआवजा पाने का अवसर खो दिया है.

गौरतलब है कि सारदा, रोज वैली जैसी निवेश कंपनियों के घोटाले सामने आने के बाद राज्य में ऐसी सैकड़ों कंपनियों का भ्रष्टाचार सामने आया. तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर और न्यायाधीश जयमाल्या बागची की खंडपीठ ने दिसंबर 2015 में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एसपी तालुकदार की अध्यक्षता में समिति का गठन किया, जबकि मामला उच्च न्यायालय में लंबित था. समिति को अवैध वित्तीय संस्थानों की संपत्तियों को जब्त करने, ईडी-सेबी जैसी एजेंसियों के साथ समन्वय में जब्त की गई संपत्तियों को बेचने और जमाकर्ताओं को पैसे वापस करने का काम सौंपा गया है. उल्लेखनीय है कि अलकेमिस्ट, विबगॉर, एमपीएस और पेलन समूह जमाकर्ताओं को पैसे वापस करने में अब तक सबसे सक्रिय रहे हैं. इस बार हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जजों में से किसे समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा, इसे लेकर अटकलें शुरू हो गयी हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version