इडी ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में कोलकाता से शेयर ब्रोकर को किया गिरफ्तार

महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में धनशोधन की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों ने कोलकाता के एक शेयर ब्रोकर गौरव केडिया को गिरफ्तार किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 8, 2024 12:21 AM

कोलकाता. महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में धनशोधन की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों ने कोलकाता के एक शेयर ब्रोकर गौरव केडिया को गिरफ्तार किया है. केडिया पर घोटाले के आरोपी नितिन टिबरेवाल और अन्य के ब्लैक मनी को शेयर ट्रेडिंग के जरिये ‘व्हाइट मनी’ में बदलने का गंभीर आरोप है. इडी अधिकारी गौरव केडिया को गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ के रायपुर ले गये हैं. जांच एजेंसी की ओर से केडिया को शनिवार को रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया. अदालत ने केडिया को पांच दिनों की इडी हिरासत में भेज दिया. केडिया की गिरफ्तारी के साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी ने करीब 387.99 करोड़ रुपये की नयी संपत्ति कुर्क की है. इस बात की जानकारी इडी ने शनिवार को दी है. इडी के मुताबिक, मामले में छत्तीसगढ़ के कई उच्चपदस्थ नेताओं और नौकरशाहों के संलिप्त होने का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि नये सिरे से कुर्क की गयी संपत्तियों में चल संपत्तियां शामिल हैं. इन चल संपत्तियों में मॉरीशस स्थित कंपनी तानो इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज फंड द्वारा एफपीआइ और एफडीआइ के माध्यम से दुबई स्थित ‘हवाला ऑपरेटर’ हरि शंकर टिबरेवाल से संबंधित निवेश और छत्तीसगढ़, मुंबई तथा मध्य प्रदेश में कई सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइटों के प्रवर्तकों, पैनल ऑपरेटर और प्रवर्तकों के सहयोगियों के नाम पर संपत्तियां हैं. इन संपत्तियों को कुर्क करने के लिए पांच दिसंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया था, जिसका कुल मूल्य 387.99 करोड़ रुपये है. इस मामले में एजेंसी टिबरेवाल की जांच कर रही है. मामले में अब तक 2,295.61 करोड़ रुपये की संपत्ति या तो फ्रीज, कुर्क या जब्त की जा चुकी है. 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इडी ने चार आरोप पत्र दायर किये हैं. एजेंसी ने पूर्व में आरोप लगाया था कि महादेव ऑनलाइन बेटिंग (एमओबी) गेमिंग और बेटिंग ऐप की जांच में छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आयी है. ऐप के दो मुख्य प्रवर्तक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं. इडी के अनुसार, एमओबी ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है, जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नये उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता की आइडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के जाल के माध्यम से धन शोधन करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन मंच की व्यवस्था करता है.

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