प्रतिनिधि, बशीरहाट
हाड़ोवा में तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोजित विजया सम्मेलन में पहुंचे मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने आरजी कर कांड के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन पर कटाक्ष किया. उन्होंने इसे नक्सलियों का आंदोलन बताया. मंत्री ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन को संगठित करने के लिए करोड़ों रुपये जुटाये गये.
इस आंदोलन में भाजपा को कोई खास जगह नहीं मिली. इसे नक्सलियों और माकपा ने अपने कब्जे में ले लिया था. आंदोलन के दौरान दुर्घटना में घायल एक युवक की इलाज के अभाव में मौत का आरोप लगाते हुए मंत्री ने कहा कि एक मां, जिसके बेटे के दोनों पैर कट गये थे, उसने डॉक्टर के पैर पकड़कर कहा था कि बचा लो बेटा. लेकिन डॉक्टर ने उसका इलाज नहीं किया. मां की आंखों के सामने उसके बेटे की मौत हो गयी थी. आप कैसे डॉक्टर बने हैं?
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को डॉक्टर तैयार करने में लाखों खर्च करने पड़ते हैं. आज ये लोग सरकार का काम किये बगैर आंदोलन कर रहे हैं. इनके आंदोलन में महंगे खाने आये. भोजन के लिए 11 बैंक खातों में पैसा जमा कराया गया है. कहते हैं कि आंदोलन हो रहा है. लेकिन वास्तव में आंदोलन के नाम पर करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है.
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