जूनियर डॉक्टरों का आरोप : चिकित्सकों के आंदोलन का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करना चाहती है भाजपा
संवाददाता, कोलकातास्वास्थ्य भवन के सामने धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधा है. धरना स्थल पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जूनियर डॉक्टरों ने शुभेंदु पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता उनके आंदोलन को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि भाजपा चिकित्सकों के इस आंदोलन का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करना चाहती है. इसका वह अपने तरह से जवाब देंगे. गुरुवार को नबान्न में बैठक ना होने पर जूनियर डॉक्टरों ने निराशा व्यक्त की. साथ ही चिकित्सकों ने सीएम ममता बनर्जी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह ””चेयर”” का सम्मान करते हैं. वह मुख्यमंत्री का इस्तीफा नहीं चाहते थे, पर जूनियर डॉक्टर अपनी पांच सूत्रीय मांगों पर अड़े हुए हैं. विदित हो कि जूनियर डॉक्टर मंगलवार से स्वास्थ्य भवन के पास धरना दे रहे हैं. धरना स्थल पर दो दिन पहले भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाॅल वहां पहुंची थीं, पर उनके सामने गो बैक का नारा लगाया गया था. हालांकि, अग्निमित्रा ने दावा किया कि वह उसी रास्ते से भाजपा कार्यालय जा रही थीं. इससे पहले जब भाजपा सांसद और पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय फियर्स लेन में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन में पहुंचे थे, तो उनके सामने भी ””गो बैक”” का नारा लगाया गया. उधर, इस संदर्भ में शुभेंदु का दावा है कि यह नारा जूनियर डॉक्टरों ने नहीं दिया है. यह नारा कुछ ””बाहरी”” लोगों ने दिया, जो शराब, गांजा का सेवन करते हैं. उनका इशारा जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों की ओर था. विरोधी दल के नेता के इस बयान पर जूनियर डॉक्टरों ने शुभेंदु पर निशाना साधा है. शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों ने साफ कहा कि सांसद और विधायक के सामने गो बैक का नारा उन लोगों को ही लगाया था. आंदोलनकारी चिकित्सकों का कहना है कि हमने शुरू से ही उन लोगों का विरोध किया है, जो हमारे आंदोलन को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करना चाहते थे. हम ऐसे लोगों से स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं, जो हमारे आंदोलन को एक मकसद के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं, हम वही प्रतिक्रिया दोहरायेंगे, जो हम इस मामले पर पहले ही दे चुके हैं. डॉक्टरों के आंदोलन से जुड़ रहे हैं आम लोग : गुरुवार को नबान्न में मुख्यमंत्री के साथ बैठक होनी थी, लेकिन नहीं हुई. इस संदर्भ में प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने शुक्रवार को कहा कि वे गुरुवार की बैठक को लेकर काफी आशान्वित थे, पर उनका यह आंदोलन अब सिर्फ डॉक्टरों का नहीं बल्कि आम लोगों का आंदोलन बन गया है. नबान्न ने शाम 4.45 पर बैठक बुलायी गयी थी. प्रदर्शनकारी डॉक्टर वहां देर से पहुंचे. उन्होंने शुक्रवार को इसके लिए माफी भी मांगी. उन्होंने कहा कि हम 45 मिनट देर से पहुंचे थे. प्रदर्शनकारियों ने कहा- अगर बैठक का सीधा प्रसारण होता तो पीड़िता के माता-पिता भी देख सकते थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है