कोलकाता. महानगर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजर रहे खाल व नालों के पानी का शोधन कर उसे फिर से उपयोग करने लायक बनाया जायेगा. कोलकाता नगर निगम ने इसके लिए आइआइटी खड़गपुर द्वारा विकसित तकनीक का प्रयोग करने का फैसला किया है. खाल के पानी का शोधन कर इसका उपयोग सड़कों की सफाई और पेड़ों को पानी देने के लिए किया जायेगा. इसे लेकर बुधवार को कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने निगम मुख्यालय में आइआइटी खड़गपुर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस बैठक में नगर निगम आयुक्त धबल जैन के साथ-साथ एमएमआइसी तारक सिंह और निगम के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक के बाद मेयर फिरहाद हकीम ने संवाददाताओं को बताया कि केएमसी अब आइआइटी खड़गपुर की प्रौद्योगिकी का उपयोग करके एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत जल शोधन परियोजना विकसित करेगा, जहां खाल व नालों के पानी का शोधन कर फिर से उपयोग लायक बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि महानगर में नोनाडांगा या सदर्न एवेन्यू में यह परियोजना विकसित की जा सकती है.
झुकी इमारतों को सीधा करने के लिए विशेषज्ञ कंपनी की सलाह लेगा निगम
वहीं, महानगर के कई क्षेत्रों में इमारतों के झुकने की घटनाएं सामने आयी हैं. अब इन झुकी इमारतों को सीधा करने के लिए कोलकाता नगर निगम ने विशेषज्ञ कंपनी की मदद लेने का फैसला किया है. बताया गया है कि इसके लिए निगम ने हरियाणा की एक कंपनी के साथ संपर्क किया है और उक्त कंपनी के अधिकारी महानगर पहुंच भी गये हैं. बुधवार को हरियाणा की कंपनी के प्रतिनिधियों ने टेंगरा सहित महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित झुकी इमारतों का जायजा भी लिया. वहीं, कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ निगम मुख्यालय में बैठक भी की. इस संबंध में मेयर ने बताया कि झुकी इमारतों को सीधा किया जा सकता है या नहीं, इस बारे में विशेषज्ञों से राय ली गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है