वित्तीय अनियमितता मामला. डॉ संदीप घोष समेत चार आरोपियों को 23 तक न्यायिक हिरासत सीबीआइ का दावा : चारों आरोपियों की भूमिका वित्तीय अनियमितता में महत्वपूर्ण है कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के आरोपों में गिरफ्तार अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष (53), विप्लव सिंह (52), सुमन हाजरा (46) और अफसर अली खान (44) को मंगलवार को अलीपुर अदालत स्थित स्पेशल सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का निर्देश दिया गया. आठ दिनों तक सीबीआइ हिरासत में रहने के बाद आरोपियों को अपनी हिरासत में लेने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस बार आवेदन नहीं किया था. सूत्रों के अनुसार, एजेंसी की ओर से कहा गया कि डिजिटल एविडेंस की डिजिटल फोरेंसिक क्लोनिंग के लिए आवेदन किया गया है. उसकी रिपोर्ट नहीं आने तक आरोपियों को सीबीआइ हिरासत में रखे जाने की अपील की गयी. हालांकि, सीबीआइ ने इस बार भी दावा किया कि चारों आरोपियों की भूमिका वित्तीय अनियमितता में महत्वपूर्ण है. जरूरत पड़ने पर अदालत में आरोपियों को अपनी हिरासत में लेने के लिए बाद में सीबीआइ आवेदन कर सकती है. डिजिटल फोरेंसिक क्लोनिंग, डिजिटल साक्ष्य की सटीक प्रतिकृति को संदर्भित करता है, जो हार्ड ड्राइव या किसी अन्य डिजिटल स्टोरेज डिवाइस के सक्रिय और गुप्त डाटा दोनों को कैप्चर करता है. घोष व अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप व अन्य डिजिटल उपकरण जांच के लिए पहले ही जब्त किये जा चुके हैं. सीबीआइ ने अदालत में संदीप को वर्चुअली पेश करने का किया था अनुरोध : सीबीआइ की ओर से संदीप घोष को वर्चुअल माध्यम से अदालत में सुनवाई के दौरान पेश करने के लिए आवेदन किया गया था. हालांकि, न्यायाधीश ने उस आवेदन को मंजूर नहीं किया था. गत तीन सितंबर को जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल घोष को सीबीआइ ने कोर्ट में पेश किया था, तब कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गयी थी. यही वजह है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने घोष की वर्चुअल सुनवाई का अनुरोध किया था. कोर्ट रूम में भी महिला वकीलों के एक वर्ग ने संदीप घोष के खिलाफ नारेबाजी की. इसी बीच न्यायाधीश को हस्तक्षेप करना और उन्होंने वकीलों को शांत रहने की अपील की. इधर, कोर्ट रूम से बाहर ले जाने के दौरान घोष को लेकर नारेबाजी कर रहे लोगों में से किसी ने उस पर जूता भी फेंका. सीबीआइ कोर्ट में संदीप घोष को देखते ही उसके खिलाफ लगे नारे मंगलवार अपराह्न यहां निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ दफ्तर से कड़ी सुरक्षा के बीच डॉ संदीप घोष व अन्य आरोपियों को अलीपुर स्थित स्पेशल सीबीआइ कोर्ट ले जाया गया. अदालत के कक्ष में ले जाने और सुनवाई के बाद उसे बाहर लाने के दौरान वकीलों और लोगों के एक वर्ग ने घोष के खिलाफ नारेबाजी की. लोग घोष को ””फांसी दो.. फांसी दो कहते हुए चिल्लाने लगे. प्रदर्शनकारी वकीलों ने नारे लगाते हुए कहा, ””संदीप घोष को फांसी की सजा होनी चाहिए. इसे केवल सात दिनों के लिए लोगों के हवाले कर दो. हम इसे सबक सिखायेंगे.”” कोर्ट परिसर में उग्र भीड़ को देखते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच संदीप घोष को संशोधनागार ले जाया गया. गत तीन सितंबर को भी अदालत परिसर में लाये जाने और वापस ले जाने के दौरान घोष के खिलाफ नारेबाजी हुई थी. इस दौरान किसी ने उसे थप्पड़ भी जड़ दिया था.
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