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तलाक मामले में क्रूरता के आरोपों के लिए कुछ सबूत की जरूरत होती है : हाइकोर्ट

तलाक मांगने के लिए क्रूरता के आरोपों को कुछ भौतिक साक्ष्यों से प्रमाणित किया जाना चाहिए.

कोलकाता. तलाक मांगने के लिए क्रूरता के आरोपों को कुछ भौतिक साक्ष्यों से प्रमाणित किया जाना चाहिए. ये बातें कलकत्ता हाइकोर्ट ने तलाक के लिए एक व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए कहीं. याचिकाकर्ता ने क्रूरता और परित्याग के आधार पर अदालत का रुख किया था. अदालतों द्वारा बार-बार यह माना गया है कि क्रूरता के कई पहलू होते हैं और यह सामाजिक संदर्भ, विवाह के पक्षों के आर्थिक स्तर और ऐसे अन्य कारकों के आधार पर व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न हो सकती है. क्रूरता का आकलन करने के लिए जो भी मानदंड हो, होना ही चाहिए.

अदालत ने कहा कि क्रूरता की कुछ घटनाएं आरोप लगाने वाली पार्टी द्वारा साबित की गयी हैं, जिसका वर्तमान मामले में पूरी तरह से अभाव है. हाइकोर्ट ने कहा कि क्रूरता को दलील और सबूत दोनों से स्थापित करना आवश्यक है ताकि विवाह या तलाक के विघटन के लिए एक आधार बनाया जा सके.

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