राज्य के बिजली सचिव का डीवीसी बोर्ड से इस्तीफा
राज्य के बिजली सचिव शांतनु बसु ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के निदेशक मंडल से और राज्य के सिंचाई और जलमार्ग विभाग के मुख्य अभियंता ने दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) से इस्तीफा दे दिया है.
सिंचाई व जलमार्ग विभाग के मुख्य अभियंता का भी डीवीआरआरसी से इस्तीफा
संवाददाता, कोलकाताराज्य के बिजली सचिव शांतनु बसु ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के निदेशक मंडल से और राज्य के सिंचाई और जलमार्ग विभाग के मुख्य अभियंता ने दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) से इस्तीफा दे दिया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. डीवीसी के जलाशयों से पानी छोड़े जाने को लेकर राज्य सरकार और केंद्र के बीच चल रही खींचतान के बीच ये इस्तीफे हुए हैं. बसु ने 21 सितंबर को डीवीसी के चेयरमैन को भेजे गये एक ईमेल में कहा: डीवीसी की अपनी बांध प्रणालियों से अभूतपूर्व और अनियंत्रित ढंग से पानी छोड़ने से विभिन्न इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई और राज्य के बड़े क्षेत्र में लोगों को भारी परेशानी हुई है. इसके मद्देनजर मैं डीवीसी बोर्ड से राज्य के सदस्य के रूप में अपना इस्तीफा देता हूं.राज्य सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग ने रविवार को एक विज्ञप्ति में कहा: बिजली सचिव के अलावा, पश्चिम बंगाल के सिंचाई एवं जलमार्ग के मुख्य अभियंता ने भी दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) से इसी मुद्दे पर विरोध जताते हुए इस्तीफा दे दिया है. ये इस्तीफे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बाढ़ की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गये दो पत्रों की पृष्ठभूमि में दिये गये हैं. उधर, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि राज्य के अधिकारियों को डीवीसी के जलाशयों से पानी छोड़े जाने के बारे में हर स्तर पर बताया गया था. उन्होंने कहा कि एक बड़ी आपदा से बचने के लिए पानी छोड़ना जरूरी था.
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