बीएसएफ के लिए भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार बाधक : शुभेंदु

शुभेंदु ने कहा कि ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार का असहयोग सीमा पार से घुसपैठ और अपराध रोकने के महत्वपूर्ण उपायों में बाधा उत्पन्न कर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 31, 2024 5:53 AM

संवाददाता, कोलकाता

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ चौकियों और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के प्रयासों में जानबूझकर बाधा उत्पन्न कर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का सोमवार को आरोप लगाया. शुभेंदु ने कहा कि ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार का असहयोग सीमा पार से घुसपैठ और अपराध रोकने के महत्वपूर्ण उपायों में बाधा उत्पन्न कर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है. उन्होंने ममता सरकार पर राज्य और राष्ट्र, दोनों की सुरक्षा को ताक पर रखकर वोट-बैंक की राजनीति को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया. हालांकि, टीएमसी ने शुभेंदु के आरोपों को ‘बेबुनियाद’ करार देते हुए खारिज किया. पार्टी ने भाजपा नेता पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. शुभेंदु की टिप्पणी पश्चिम बंगाल में घुसपैठ और सीमा पार से अपराध को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आयी है, खासकर 2,216 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर. भाजपा नेता ने इस बात पर जोर दिया कि टीएमसी सरकार का सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए भूमि आवंटित करने से इनकार करना बांग्लादेश से घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि का कारण बन रहा है. उन्होंने कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा : पश्चिम बंगाल सरकार सरहद की सुरक्षा के लिए सीमा चौकियां (बीओपी) और बाड़ बनाने के वास्ते भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में बाधा डाल रही है. केंद्र सरकार सारा खर्च वहन करने को तैयार है, लेकिन राज्य सरकार जानबूझकर जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है. तृणमूल अपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए एक विशेष समुदाय को खुश करने के इरादे से ऐसा कर रही है.

उन्होंने सीमा पर बाड़ लगाने के काम में देरी पर भी चिंता जतायी और कहा कि राज्य में 569.254 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा अभी भी असुरक्षित है, जिसका बड़ा हिस्सा घुसपैठ और तस्करी के लिहाज से बेहद संवेदनशील है. भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा स्वीकृत भूमि अधिग्रहण के मामलों को भी मंजूरी नहीं दी है. नतीजतन बीएसएफ 17 से अधिक महत्वपूर्ण स्थानों पर चौकियों और बाड़ सहित आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में असमर्थ रहा है. देरी के कारण अवैध गतिविधियों में बेलगाम वृद्धि हुई है.

शुभेंदु ने राज्य पुलिस पर सीमा पार से अपराधों, खास तौर पर मानव तस्करी, पशु तस्करी और फेंसेडिल एवं याबा टैबलेट जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाने में बीएसएफ का सहयोग न करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि राज्य पुलिस सीमा पार के अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने में नाकाम रही है. इनमें से कई आपराधिक तत्व सत्तारूढ़ दल की शह पर काम कर रहे हैं.

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