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ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से इनकार नहीं कर सकते सीनियर रेजीटेंड डॉक्टर

राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने से बचने वाले सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों पर सख्त रुख अपनाया है. ग्रामीणों की सेहत को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार कड़े नियम लागू करेगी. स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जो डॉक्टर बंधन सेवा (बॉन्ड सर्विस) के तहत निर्धारित स्थानों पर सेवा देने में लापरवाही करेंगे, उनका वेतन रोक दिया जायेगा.

कोलकाता.

राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने से बचने वाले सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों पर सख्त रुख अपनाया है. ग्रामीणों की सेहत को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार कड़े नियम लागू करेगी. स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जो डॉक्टर बंधन सेवा (बॉन्ड सर्विस) के तहत निर्धारित स्थानों पर सेवा देने में लापरवाही करेंगे, उनका वेतन रोक दिया जायेगा. इस निर्णय से राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के एकाउंट ऑफिसर को अवगत करा दिया जायेगा. बता दे कि मास्टर इन मेडिसिन (एमडी) मास्टर इन सर्जरी (एमएस) उत्तीर्ण सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को तीन साल की अवधि के लिए ग्रामीण, जिला, महकमा और स्टेट जनरल अस्पतालों में सेवा देना अनिवार्य है. इस दौरान वे 65 हजार से 75 हजार रुपये मासिक भत्ता प्राप्त करते हैं. अब यदि वे इस सेवा में लापरवाही करते हैं तो उनका यह भत्ता रोक दिया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह नियम पहले से मौजूद था, लेकिन जनहित को ध्यान में रखते हुए इसे सख्ती से लागू करने का फैसला लिया गया है. वर्तमान में राज्य में 1,100 से अधिक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर बॉन्ड सर्विस के तहत कार्यरत हैं.

नये आदेश के अनुसार, यदि कोई डॉक्टर बंधन सेवा का पालन नहीं करता है, तो संबंधित मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को भी जवाबदेह ठहराया जायेगा. ऐसे डॉक्टरों को तत्काल रिलीव करने के निर्देश दिये गये हैं.

नये साल से और सख्त होंगे नियम

एक जनवरी 2025 से बंधन सेवा के नियमों का उल्लंघन करने पर किसी भी प्रकार की दलील या अपील स्वीकार नहीं की जायेगी. डॉक्टरों को जिला स्तर पर सेवा देने के लिए काउंसलिंग के माध्यम से पोस्टिंग मिलेगी. दरअसल कुछ समय पहले, राज्य सरकार ने बंधन सेवा का पालन न करने वाले 31 डॉक्टरों पर 20 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया था. हालांकि, बाद में सरकार ने यह जुर्माना माफ कर दिया. इसके बावजूद डॉक्टरों की लापरवाही नहीं थमी है. यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से उठाया गया है. राज्य सरकार के इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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