कोलकाता. राज्य में बाढ़ की भयावह परिस्थिति पर चिंता जताते हुए एसयूसीआइ (सी) के राज्य सचिव चंडीदास भट्टाचार्य ने एक प्रेस बयान में कहा कि हावड़ा, बांकुड़ा, हुगली, पश्चिम व पूर्व मेदिनीपुर और बीरभूम बाढ़ से प्रभावित हैं. डीवीसी से जिस मात्रा में पानी छोड़ा गया है, उससे बाढ़ की स्थिति बननी स्वाभाविक है.
लिहाजा बांधों की क्षमता बढ़ाने, जल निकासी व्यवस्था को उन्नत करने और उसका नियंत्रण करने की जरूरत है. केंद्र सरकार को दोष देकर जिम्मेवारी से बचा नहीं जा सकता है. नदियों पर बने बांध व कंसाई जैसे नदियों की तलहटी की सफाई कर ड्रेजिंग के मार्फत जल वहन की क्षमता बढ़ाने की जिम्मेदारी तो राज्य सरकार की है. घाटाल मास्टर प्लान की कहानी लोग हर बार चुनाव के समय सुनते आ रहे हैं. हर साल बाढ़ आने पर मुख्यमंत्री इसे मैन मेड फ्लड बोलकर अपनी जिम्मेवारी से बचने का प्रयास करती हैं. एसयूसीआी(सी) इस तरह की राजनीति का पूरजोर विरोध करती है.
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