टैब घोटाले के बाद कन्याश्री की राशि को लेकर राज्य सरकार चिंतित
12वीं के छात्रों के लिए ‘तरुणे स्वप्न’ स्कीम की टैब मनी में घोटाले की खबर के बाद अब सतर्कता जारी की गयी है.
महिला व बाल कल्याण विभाग ने जारी की सतर्कता
संवाददाता, कोलकाता
12वीं के छात्रों के लिए ‘तरुणे स्वप्न’ स्कीम की टैब मनी में घोटाले की खबर के बाद अब सतर्कता जारी की गयी है. एक छात्र के टैब के पैसे दूसरे के खाते में जाने के घोटाले के खुलासे के बाद इसकी जांच शुरू हुई है. पता चला कि इसके पीछे एक गिरोह था. आशंका है कि इसी तरह के गिरोह अकाउंट हैक कर ””कन्याश्री”” की राशि भी चुराने की कोशिश कर सकते हैं. इसकी भनक लगने पर महिला व बाल कल्याण विभाग ने सभी जिला आयुक्तों को पत्र भेजकर आगाह किया है. पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) ने राज्य को सूचित किया है कि कन्याश्री पोर्टल पर भी ठग हमला कर सकते हैं. ऐसे में समस्या हो सकती है. एनआइसी ने राज्य को सही कदम उठाने के साथ ही विभाग को छह सूत्रीय आदेश भेजा गया. जिलाधिकारी के अलावा सभी जिलों के समाज कल्याण निदेशक को पत्र भेजे गये हैं.
निर्देश में सबसे पहले उन खातों के पासवर्ड बदलने का आह्वान किया गया है, जिन्हें निशाना बनाये जाने की आशंका है. इसके बाद ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर, प्लग-इन और विभिन्न सॉफ्टवेयर को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करने की बात कही गयी है. अगर कंप्यूटर में कोई ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिससे खतरा हो सकता है, तो उसे हटा देने व फायरवॉल को सक्षम करने के साथ ही एंटी-मैलवेयर, एंटी-रैंसमवेयर और एंटी-हैक सॉफ्टवेयर स्थापित करने को कहा गया है. कंप्यूटर को नियमित रूप से स्कैन करने, किसी को भी कंप्यूटर पर इस्तेमाल किये गये पासवर्ड सहित किसी भी जानकारी को वेबपेज पर सेव नहीं करने का निर्देश दिया गया है.
सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों की 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए टैब खरीदने की सुविधा के लिए ””तरुणेर स्वप्न”” योजना शुरू की है. इस योजना के तहत छात्रों को 10 हजार रुपये दिये जाते हैं. पैसा सीधे आवेदक के बैंक खाते में जमा किया जा रहा है. आवेदन स्कूल के माध्यम से ही किये जाते हैं, लेकिन शिकायत यह है कि इस साल राज्य के कई छात्रों को उनके खाते में टैब का पैसा नहीं मिला. इसके बजाय यह किसी और के बैंक खाते में चला गया. पुलिस ने अब तक जांच में 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों से लेकर किसान तक शामिल हैं. जांचकर्ताओं के अनुसार, मुख्य रूप से विभिन्न साइबर कैफे से स्कूल खातों को हैक करके छात्रों के बैंक खाता नंबर बदले गये थे. आश्वासन दिया गया है कि जिन लोगों को टैब का पैसा नहीं मिला है, उन्हें टैब खरीदने की व्यवस्था की जायेगी.
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कन्याश्री परियोजना ‘तरुरेण स्वप्न’ युवाओं के सपनों से कहीं अधिक व्यापक है. ‘तरुणेर स्वप्न’ में सिर्फ 11वीं और 12वीं के छात्रों को टैब मनी दी जाती है. वहीं, कन्याश्री में लाभार्थियों की संख्या तीन करोड़ से ज्यादा है. सब कुछ एक पोर्टल से नियंत्रित होता है, इसलिए डर है कि अगर उस पोर्टल पर जालसाजों का कब्जा हो गया, तो खतरा बढ़ जायेगा.
इस विषय में एडवांस्ड सोसायटी फॉर हेडमास्टर एंड हेडमिस्ट्रेस के महासचिव चंदन माइति ने कहा : इस तरह की पहल की जरूरत पहले से थी. हर छह महीने में पासवर्ड बदलना चाहिए. यह सरकार की निगरानी में होना चाहिए न कि स्कूल अधिकारियों द्वारा. सुरक्षा के मुद्दे को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए. किसी स्कूल को साइबर कैफे में जाकर पोर्टल पर डेटा अपलोड न करने से बचना चाहिए, इसके लिए प्रत्येक स्कूल को कम से कम एक कंप्यूटर विशेषज्ञ और नेट कनेक्शन वाला कंप्यूटर उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
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