15 वर्ष पुरानी बसों को और दो वर्ष की छूट दे राज्य सरकार

कोरोना काल से पहले महानगर, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में लगभग 8500 निजी बसों का परिचालन होता था.

By Prabhat Khabar News Desk | November 13, 2024 1:59 AM

निजी बस संगठनों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से की मांग

संवाददाता, कोलकाता

कोरोनाकाल से पहले महानगर, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में लगभग 8500 निजी बसों का परिचालन होता था. लेकिन कोरोनाकाल के बाद उक्त इलाकों में निजी बसें लगातार बंद होती रहीं. आज मात्र 3000 बसें ही सड़कों पर हैं. ये बातें ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के सचिव तपन बनर्जी ने मंगलवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वह मानवता के आधार पर 15 वर्ष पुरानी बसों का परमिट रद्द करने के मामले में निर्णय लें और नियम में कम से कम दो वर्ष की छूट दी जाये. कोरोनाकाल के बाद बसों के लगातार बंद होने कई कारणों में एक वजह डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि और राज्य सरकार द्वारा किराया नहीं बढ़ाना भी है. 15 वर्ष से पुरानी बसों को सड़कों से हटाने के कोर्ट के निर्देश के अनुसार विगत अगस्त से अब तक 700 बसों का परिचालन बंद कर दिया गया है. इससे परिवहन व्यवस्था चरमरा गयी है. बेस्ट बंगाल बस- मिनी बस ओनर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप नारायण बोस ने कहा कि हम कोर्ट गये. कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है. एक तरफ परिवहन व्यवसाय भारी नुकसान झेल रहा है, वहीं एक साथ बसों के रद्द होने का सिलसिला भी जारी है. हर दिन सड़कों से निजी बसों की संख्या कम होती जा रही है. नवंबर तक तीन हजार बसें रद्द हो जायेगी. 2009 नवंबर में हजारों बसें पंजीकृत हुई थीं, जिनकी 15 वर्ष की अवधी नवंबर में पूरी होने वाली है. कोर्ट के निर्देश के अनुसार नवंबर में बड़ी संख्या में बसें रद्द हो जाएंगी. ऐसे में मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वह इसका समाधान करें. बंगाल बस सिंडिकेट के उपाध्यक्ष सुरजीत साहा, ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के अध्यक्ष सुकुमार बेरा सहित बंगाल बस सिंडिकेट, बेस्ट बंगाल बस मिनी-बस ओनर्स एसोसिएशन, मिनी बस को-आर्डिनेशन कमेटी, इंटर इंटरा रिजन बस ओनर्स एसोसिएशन के सदस्य ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के बैनर तले प्रेसवार्ता में मौजूद थे.

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