आरजी कर : राज्य सरकार संजय राय को फांसी की सजा देने की मांग पर पहुंची हाइकोर्ट

महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले में एकमात्र दोषी राय को मृत्युदंड देने के अनुरोध को लेकर हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2025 1:22 AM

संवाददाता, कोलकाता

कलकत्ता हाइकोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सियालदह कोर्ट के दोषी संजय राय को मृत्यु तक कारावास (उम्रकैद) की सजा के आदेश को मृत्युदंड में बदलने की मांग को लेकर मंगलवार को राज्य सरकार को अपील दायर करने की अनुमति दे दी.

महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले में एकमात्र दोषी राय को मृत्युदंड देने के अनुरोध को लेकर हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की. राज्य सरकार ने सियालदह कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास द्वारा सोमवार को पारित आदेश को चुनौती देने के लिए अपील दायर करने की उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी. इसके बाद न्यायाधीश देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को याचिका दायर करने की अनुमति दे दी.

सियालदह कोर्ट ने संजय राय को प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म करने और हत्या का दोषी पाये जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. अदालत ने मृत्युदंड की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह ‘जघन्यतम’ अपराध नहीं है.सियालदह अदालत के फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बताया कि राज्य सरकार निचली अदालत के फैसले को चुनौती देगी और कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के 24 घंटे के अंदर ही राज्य सरकार ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी.

मृत चिकित्सक के माता-पिता की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना में निचली अदालत ने मामले के मुख्य दोषी संजय राय को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. इससे पहले मृत चिकित्सक के माता-पिता ने सीबीआइ जांच पर अविश्वास जताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बुधवार को उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. उनका आरोप है कि सीबीआइ जांच सही दिशा में नहीं हो रही है. इस वारदात में कई और लोग शामिल हैं, लेकिन ऐसे लोगों के नाम चार्जशीट में नहीं शामिल हैं. जानकारी के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी पीड़िता के माता-पिता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करेंगी.

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