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सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए राज्यस्तरीय टास्क फोर्स गठित

आरजी कर कांड के बाद जूनियर डॉक्टर 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे. इनमें से एक प्रमुख मांग को राज्य सरकार ने मान लिया है.

पहल. सुरक्षा मामलों में जूनियर डॉक्टरों की भी होगी भागीदारी

राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने जारी की अधिसूचना

11 सदस्यीय कमेटी में सीनियर व जूनियर रेसिडेंट डॉक्टरों के दो-दो प्रतिनिधि भी शामिल

संवाददाता, कोलकाताआरजी कर कांड के बाद जूनियर डॉक्टर 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे. इनमें से एक प्रमुख मांग को राज्य सरकार ने मान लिया है. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं के लिए सरकार द्वारा गठित राज्यस्तरीय टास्क फोर्स में जूनियर डॉक्टरों को भी शामिल किया गया है. इस बाबत राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी. इसमें बताया गया कि राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इसमें राज्य के गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव, राज्य पुलिस के महानिदेशक, कोलकाता पुलिस आयुक्त, सीनियर व जूनियर रेसिडेंट डॉक्टरों के दो-दो प्रतिनिधि, राज्य शिकायत निपटान कमेटी का एक सदस्य और एक महिला मेडिकल छात्रा शामिल होंगे.

सीएम के निर्देश पर 24 घंटे के अंदर जारी हुई अधिसूचना

बता दें कि सोमवार को नबान्न भवन में मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान जूनियर डाक्टरों ने मांग की थी कि उनके प्रतिनिधियों के साथ टास्क फोर्स का जल्द गठन किया जाये. मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग को मान लिया था और मुख्य सचिव से 24 घंटे के भीतर अधिसूचना जारी करने की बात कही थी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज पंत ने मंगलवार को इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी.

क्या काम करेगी टास्क फोर्स

अधिसूचना के अनुसार, टास्क फोर्स के सदस्यों का कार्य मुख्य रूप से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा और शिकायतों का निवारण करना होगा. साथ ही सेंट्रल हेल्पलाइन, पैनिक बटन सिस्टम, सेंट्रल रेफरल सिस्टम के क्रियान्वयन पर भी वे नजर रखेंगे. आंतरिक समिति सहित कई समितियों के कामकाज की भी जांच करेंगे. टास्क फोर्स के सदस्य महीने में कम से कम एक बार बैठक करेंगे.

जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री को 137 पेज का दस्तावेज सौंपा

कोलकाता. अभया की मौत के बाद आरजी कर में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप सामने आये हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने जांच के बाद पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी गिरफ्तार कर लिया है. इस बार जूनियर डॉक्टरों ने भ्रष्टाचार की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को सौंपी. उनकी शिकायत है कि सब कुछ जानते हुए भी स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. अभया कांड के बाद आरजी ने जूनियर डॉक्टरों पर वित्तीय भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. उन्होंने टेंडरों में अनियमितता, मशीनरी व पार्किंग खरीद, हर जगह कटमनी लेने समेत कई शिकायतें कीं. जो कोरोना के दौरान कई गुना बढ़ गया. इतना ही नहीं, शवों को लेकर भी फर्जीवाड़े की भी शिकायत की गयी है.

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