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बोतल तोड़कर फेंकने की कोई मंशा नहीं थी : कल्याण

क्फ विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक से एक दिन के लिए निलंबित किये गये तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि पिछले सप्ताह समिति की बैठक में भारतीय जनता पार्टी के सांसद अभिजीत गांगुली ने उन्हें उकसाया और कांच की बोतल फोड़ कर फेंकने की उनकी कोई मंशा नहीं थी. बनर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा : मैंने बैठक में कहा था कि समिति के अध्यक्ष पर इसे (टूटी बोतल) फेंकने की मेरी कोई मंशा नहीं थी और मुझे खेद है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 29, 2024 11:20 PM
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नयी दिल्ली/कोलकाता.

वक्फ विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक से एक दिन के लिए निलंबित किये गये तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि पिछले सप्ताह समिति की बैठक में भारतीय जनता पार्टी के सांसद अभिजीत गांगुली ने उन्हें उकसाया और कांच की बोतल फोड़ कर फेंकने की उनकी कोई मंशा नहीं थी. बनर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा : मैंने बैठक में कहा था कि समिति के अध्यक्ष पर इसे (टूटी बोतल) फेंकने की मेरी कोई मंशा नहीं थी और मुझे खेद है.उस दिन के घटनाक्रम पर पहली बार सार्वजनिक रूप से अपना पक्ष रखते हुए कल्याण बनर्जी ने कहा कि वह 22 अक्तूबर को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक में गांगुली को उनके आरोपों और व्यक्तिगत हमलों पर जवाब देने के लिए मजबूर थे. तृणमूल नेता ने आरोप लगाया : जब गांगुली बोल रहे थे, तो मैंने उनसे सवाल किया. फिर उन्होंने मेरे और मेरे परिजनों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. मैंने जवाब दिया, लेकिन उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल जारी रखा.

कल्याण बनर्जी ने कहा कि उस समय उन्होंने अपने हाथ में पकड़ी हुई बोतल को तोड़ दिया और इससे उनकी उंगलियों में चोट आयी. बनर्जी ने कहा : जब मैं चोटिल हो गया, तो मुझे बोतल छोड़नी पड़ी और वह अध्यक्ष की ओर लुढ़क गयी. दूसरे दिन ही मैंने बैठक में कहा कि मेरा इसे अध्यक्ष पर फेंकने का कोई इरादा नहीं था और मुझे खेद है. कल्याण ने गांगुली पर निशाना साधते हुए कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनका रिकॉर्ड विवादास्पद था.

कहा : मेरे प्रति कठोर था वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का रुख

कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष का रुख उनके प्रति कठोर और गांगुली के प्रति उदार था. वरिष्ठ अधिवक्ता और तृणमूल नेता ने कहा : इससे निराशा हुई. इसे (जिसने) शुरू किया, उसकी नहीं, बल्कि मेरी खिंचाई की गयी. तब मैं निराश हो गया, नाराज नहीं था.

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