उत्तर बंगाल की तीन नगरपालिकाओं में चुनाव कराने को लेकर जल्द फैसला ले राज्य सरकार
उत्तर बंगाल की तीन नगरपालिकाओं में चुनाव कराने को लेकर जल्द फैसला ले राज्य सरकार
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को उत्तर बंगाल की तीन नगरपालिका में चुनाव पर फैसला लेने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने शहरी विकास व नगरपालिका मामलों के प्रधान सचिव को छह सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया. मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय के फैसले और पश्चिम बंगाल नगर निगम अधिनियम के अनुसार चुनाव की घोषणा करनी चाहिए. गौरतलब है कि अर्जेन लामा ने कालिम्पोंग, कर्सियांग और मिरिक नगरपालिका में चुनाव की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में एक जनहित मामला दायर किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने राज्य सरकार को यह आदेश दिया. याचिकाकर्ता ने मामले में दावा किया कि उन तीन नगरपालिकाओं में पिछला चुनाव 14 मई 2017 को हुआ था और बोर्ड की समय-सीमा अप्रैल 2022 को समाप्त हो चुकी है. तब से, उन नगरपालिकाओं के कार्यों को राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासकों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है. याचिकाकर्ता अर्जेन लामा ने मामले में दावा किया कि किसी प्रशासक को दो साल से अधिक समय तक नगरपालिका में नियुक्त नहीं किया जा सकता है. उनके मुताबिक राज्य सरकार का यह फैसला पश्चिम बंगाल नगरपालिका अधिनियम के खिलाफ है. श्री वकील ने कहा कि नगरपालिका में निर्वाचित पार्षदों नहीं होने की वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही है. वे प्रशासक के समक्ष सुविधाओं के संबंध में सभी शिकायत नहीं कर पा रहे हैं. साथ ही निर्वाचित सदस्य नहीं होने की वजह से कई विकास कार्य भी रुके हुए हैं. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने कहा कि इस प्रकार से प्रशासक नियुक्त कर उनसे लंबे समय तक काम नहीं कराया जा सकता. लोकसभा और विधानसभा की तरह निकाय चुनाव भी समय पर कराने की जरूरत है. यह कहते हुए मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार को छह सप्ताह के अंदर निर्णय लेने का आदेश दिया.
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