विचलित करने वाली है स्टेटस रिपोर्ट अभी खुलासा नहीं कर सकते : कोर्ट
सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में मुहरबंद लिफाफे में स्टेटस रिपोर्ट पेश की, जिसे देखने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट विचलित करने वाली है.
आरजी कर कांड. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की जांच रिपोर्ट पर जताया संतोष
कहा : मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआइ को और समय देने की जरूरतसंवाददाता, कोलकाता/नयी दिल्लीआरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने सुप्रीम कोर्ट में मुहरबंद लिफाफे में स्टेटस रिपोर्ट पेश की, जिसे देखने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट विचलित करने वाली है. सुप्रीम कोर्ट ने जांच रिपोर्ट पर संतोष जताते हुए कहा कि रिपोर्ट देख कर पता चलता है कि सीबीआइ मामले की गहराई से जांच कर रही है. उसे जांच के लिए समय देना होगा. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट में दी गयी जानकारियों का अभी खुलासा नहीं किया जा सकता. इससे जांच प्रभावित हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट आरजी कर कांड पर खुद संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है. उसने सीबीआइ से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी, जो मंगलवार को कोर्ट में पेश की गयी.एक हफ्ते में नतीजे की उम्मीद नहीं कर सकते : सीजेआइ
मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने कोर्ट में मौजूद वकीलों से कहा : हम स्टेटस रिपोर्ट के तथ्य तो आपको नहीं बता सकते. लेकिन हमें दिख रहा है कि सीबीआइ पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है. सीबीआइ ने अस्पताल के पूर्व अध्यक्ष व एक पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार भी किया है. दूसरे लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में है. हम एक हफ्ते में नतीजे की उम्मीद नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि हमें सीबीआइ को समय देना होगा.
पीड़िता के माता-पिता के पत्र के आधार पर भी करें जांच
सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआइ के अधिवक्ता से कहा कि पीड़िता के माता-पिता से भी सीबीआइ की जांच टीम के अधिकारी जाकर मिलें और उन्हें जांच को लेकर जरूरी जानकारी दें. साथ ही, घटना को लेकर उनकी तरफ से रखे गये सवालों की भी जांच करें. गौरतलब है कि मृत जूनियर महिला चिकित्सक के पिता ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर कई सवाल उठाये हैं. मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने सीबीआइ से कहा कि पीड़िता के पिता द्वारा दिये गये पत्र में कई अहम जानकारियां हैं, जिससे सीबीआइ को जांच में काफी मदद मिल सकती है. ऐसे में उन्होंने सीबीआइ अधिकारियों को पीड़िता के पिता से मिल कर उनका पक्ष भी सुनने का निर्देश दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है