जहां-तहां नहीं, निर्दिष्ट स्टॉप पर ही रोकें बस
सीएम के निर्देश पर परिवहन विभाग ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर (एसओपी) तैयार किया है, जिसका मसौदा प्रकाशित किया है.
ड्राइवर-कंडक्टर के लाइसेंस व प्रमाण-पत्र की फोटोकॉपी व किराया चार्ट बस में लगाना अनिवार्य कोलकाता. महानगर सहित राज्यभर में निजी बसों में आगे निकलने की होड़ की वजह से सड़क हादसे होते हैं. हाल ही में बेहला व सॉल्टलेक में हुए हादसों में दो छात्रों की मौत हो गयी थी. इसके बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सड़क हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग से गाइडलाइंस तैयार करने के लिए कहा था. सीएम के निर्देश पर परिवहन विभाग ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर (एसओपी) तैयार किया है, जिसका मसौदा प्रकाशित किया है. परिवहन विभाग द्वारा प्रकाशित मसौदे के अनुसार, बस सिर्फ निर्दिष्ट स्टॉप पर ही रुकनी चाहिए. सड़क पर कहीं भी बसों को रोका नहीं जा सकता. कोई भी बस निर्दिष्ट स्टॉप, स्टैंड या डिपो से 30 मीटर से अधिक दूरी पर किसी भी यात्री को नहीं उठायेगी. स्टॉप पर बस अधिकतम 60 सेकंड तक रुक सकती है. ड्राइवर और कंडक्टर के लाइसेंस व प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी को लेमिनेट कर बस में लगाना होगा, ताकि यात्री बस में चढ़ते समय इसे देख सकें. साथ ही कहा जा रहा है कि यात्रियों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया जा सकेगा. बसों में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किराया चार्ट लगे रहने चाहिए, ताकि यात्री चाहें तो इन्हें देख सकें. परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार शहर में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए इसे लागू करना चाहती है. परिवहन विभाग इस एसओपी को जल्द से जल्द जारी करना चाहता है. लेकिन उससे पहले परिवहन विभाग के मंत्री व अधिकारी इसे लेकर बस मालिकों, चालक संगठनों के साथ-साथ पुलिस, परिवहन विशेषज्ञों और आम लोगों की राय लेंगे. उधर, राज्य सरकार के इस मसौदे से बस मालिक व चालक संगठन का एक वर्ग संतुष्ट नहीं है. उनके मुताबिक, राज्य सरकार के ड्राफ्ट एसओपी में बस चालकों और कंडक्टरों की सुरक्षा का जिक्र नहीं है. विशेष रूप से, यात्रियों द्वारा परेशान किये जाने पर क्या करना चाहिए, इस पर कोई दिशानिर्देश नहीं हैं.
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