बंगाल के दो छात्रों की सफलता से सीएम प्रसन्न

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यूपीएससी द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा में बंगाल के दो उम्मीदवारों द्वारा प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. शनिवार को मुख्यमंत्री ने एक्स के माध्यम से कहा कि बंगाल के दो लड़कों ने यूपीएससी-आइएसएस 2024 परीक्षा में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2024 11:04 PM

कोलकाता.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यूपीएससी द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा में बंगाल के दो उम्मीदवारों द्वारा प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. शनिवार को मुख्यमंत्री ने एक्स के माध्यम से कहा कि बंगाल के दो लड़कों ने यूपीएससी-आइएसएस 2024 परीक्षा में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने इसके लिए प्रथम स्थान पाने वाले आसनसोल के सिंचन स्निग्ध अधिकारी और पूर्व बर्दवान के आउसग्राम के रहनेवाले बिल्टू माजी को बधाई दी है.

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यहां के छात्रों को प्रोत्साहित करने पर हमारा प्रयास अब ठोस परिणाम दे रहा है.

उन्होंने कहा कि हमारे छात्र आइएएस और आइपीएस परीक्षाओं में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य सरकार का सत्येंद्रनाथ टैगोर सिविल सेवा अध्ययन केंद्र पहले से ही युवा और महत्वाकांक्षी छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है, जो इन परीक्षाओं के लिए छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करता है.

एनयूजेएस कोलकाता को एनएएसी द्वारा दिया गया ए प्लस ग्रेड

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर एक और पोस्ट में कहा कि राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनयूजेएस), कोलकाता को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा ए प्लस ग्रेड दिया गया है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इसके अलावा फोरेंसिक विज्ञान अध्ययन की शुरुआत और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और किंग्स कॉलेज, लंदन आदि के साथ गठजोड़ के महत्व को और बढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सबसे महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय बात यह है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 2018 में पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय विधि विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करके एनयूजेएस के कुल छात्रों में से पांच प्रतिशत की पूरी ट्यूशन फीस माफ कर दी है और इस प्रकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के हमारे छात्रों को शिक्षा के इस प्रमुख केंद्र तक पहुंच हो पायी है. मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि एनयूजेएस कोलकाता ऐसा करने वाला भारत का एकमात्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय है और इसके पीछे हमारी सरकार का योगदान है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्नत शिक्षा को सामाजिक समानता के साथ जोड़ा जाना चाहिए और इस तरह के प्रयासों को मान्यता दी जानी चाहिए.

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