जो मार्केट की नब्ज समझ सके, वही है सफल व्यापारी

जीवन के किसी भी क्षेत्र की तरह बिजनेस में भी प्रतिस्पर्धा व चुनौतियां बढ़ी हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 8, 2024 2:12 AM

जीवन के किसी भी क्षेत्र की तरह बिजनेस में भी प्रतिस्पर्धा व चुनौतियां बढ़ी हैं. बाजार की निर्ममता की कहानी भी सबको पता होती ही है. पर, इन सबके बीच भी बाजार और व्यवसायी, दोनों ही ठहरते नहीं. अपने लिए लगातार रास्ते खोजते हुए आगे बढ़ते रहते हैं, सफलता के नये-नये अध्याय लिखा करते हैं. ये सब कैसे संभव हो पाता है, इसे समझने के लिए सच्चिदानंद पारीक ने रेडीमेड गारमेंट्स के बिजनेस से जुड़े एक प्रवासी उद्यमी पवन ओझा से बातचीत की. प्रस्तुत हैं इनकी बातचीत के प्रमुख अंश….Q. बिजनेस में सफलता के लिए आवश्यक मंत्र कौन-कौन से हैं ? जवाब : आज के समय में सफल व्यापारी वही है, जो मार्केट की नब्ज को ठीक से जानता-समझता है. लोग क्या चाहते हैं, इसकी समझ रख कर ही आप व्यापार की बुलंदियों को छू सकते हैं. एक अच्छे उद्यमी के लिए दूरदर्शी और परिश्रमी होना बुनियादी शर्त जैसे है. व्यवसाय में भी आपकाे निरंतर अपने लक्ष्य की तरफ़ ही ध्यान केंद्रित रखना होता है. हां, और यह भी है कि आपको क्वालिटी और कीमत, दोनों के बीच सामंजस्य तो रखना ही होगा. तभी व्यापार अपने व्यापार क्षेत्र में शिखर तक पहुंचने की सोच सकते हैं. यह अहम मंत्र है व्यापार में सफलता के लिए. Q. आप किस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं ? जवाब : मैं तो शुरू से ही कपड़ाें के कारोबार से जुड़ा हूं. बाजार और व्यापारियों के बीच समन्वयक की भूमिका में रह कर काम करते हुए 1997 में मैंने अपने खुद के कारोबार की बात सोची. फिर अपने इंटरेस्ट के हिसाब से रेडीमेड वस्त्र के व्यापार की शुरुआत की थी. मेरी कंपनी सुदर्शन इंटरप्राइजेज छोटे-छोटे बच्चों व बच्चियों के लिए पोशाक तैयार करती है. पिछले करीब ढाई दशक से बाजार का हिसाब देखते-सुनते अब मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि सुदर्शन इंटरप्राइजेज ने खुद को लगभग स्थापित कर लिया है. अब कंपनी के उत्पाद न केवल बंगाल, बल्कि देश के दूसरे शहर-बाजारों में भी उपलब्ध हैं. Q. आपके कारोबार पर तकनीक का असर कैसा है ? कुछ बतायेंगे ? जवाब : देखिये, आज जीवन के हर क्षेत्र में तकनीक ने अपना असर छोड़ना शुरू कर दिया है. अब तो लोग पूजा-पाठ भी तकनीक से निबटा रहे हैं. हमारे कारोबार पर तो तकनीक का प्रभाव रहेगा ही. वह भी समय सापेक्ष. ऐसा नहीं हो सकता कि आप दशकों पुरानी तकनीक वर्तमान की चुनौतियों से पार पायेंगे. आपको लेटेस्ट तकनीक की बात सोचनी पड़ती है. पहले हमारे यहां अधिकतर काम मैनुअल होते थे. तब उतनी मशीनें नहीं लगती थीं. कटाई-छंटाई के सारे काम तो आदमी ही करते थे. आज नयी तकनीक के दौर में मशीनों ने पूरा दृश्य बदल दिया है. कटिंग, स्टिचिंग, फोल्डिंग, बाइंडिंग सब जगह तकनीक है, मशीनें हैं. Q. सुनते हैं कि उपभोक्ताओं/ग्राहकों की रुचि भी तेजी से बदल रही है. क्या ऐसा बदलाव भी आपके कारोबार में यह भी इंपॉर्टेंट फैक्टर है ? जवाब : आप सही कह रहे हैं. यह भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. बल्कि कहें कि बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. दुनिया ने जब से ग्लोबल विलेज का रूप अख्तियार करना शुरू किया है, देखा-देखी में लोगों की रुचि, उनके रुझान में भी तेजी से बदलाव हो रहे हैं. और हमें इसका बहुत ध्यान रखना होता है. ग्राहक की पसंद और रुचि काे समझना और उसका ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है हमारे बिजनेस में. हमें यह समझना पड़ता है कि कब और किस दौर में लोग किस-किस तरह के वस्त्र खरीदना-पहनना पसंद करते हैं. समय के साथ बदलती पसंद का ख़्याल रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसी पर बाजार की संभावनाएं टिकी होती हैं. Q. आप अपनी व्यावसायिक सफलता का श्रेय किसे देते हैं ? जवाब : देखिये, मैं तो अपनी इस सफलता का सारा श्रेय अपने आराध्य गोपाल जी को ही देता हूं. हां, और इसी वजह से हमने अपनी कंपनी का नाम सुदर्शन इंटरप्राइजेज रखा है. मैं मानता हूं कि यह सब ठाकुर जी की कृपा से ही संभव हो पा रहा है. बेशक, इसमें हमारे परिजनों और व्यापार क्षेत्र के सहयोगियों का योगदान भी है ही. Q. नये उद्यमियों के लिए आप क्या कहना चाहेंगे ? उनके लिए आपका कोई संदेश? जवाब : बदले हालात में अब हर क्षेत्र में ही एक व्यक्ति को काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. आप मान लें कि आने वाले दिनों में यह प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी ही. इन सबके बीच वही टिका रह सकता है, जिसे मार्केट की अच्छी जानकारी हो. मैं कहना चाहता हूं कि अगर कोई युवा व्यवसाय में हाथ आजमाना चाहता है, तो उसे जिस क्षेत्र में अच्छा अनुभव हो, उसी में कदम रखे. अगर अनुभव और जानकारी की कमी हो, तो बिना रिस्क लिये, पहले अपना ज्ञान बढ़ाये. बाजार के नब्ज को समझे बिना न कूदें-उछलें. जब लगे कि आप आरंभ से अंत तक सब कुछ समझ रहे हैं और आगे भी समझ सकते हैं, तो फिर कदम आगे बढ़ा लें, मैदान में उतर जायें.

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